जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार मिले हैं इसकी कुल क्षमता 59 लाख टन है. इस खोज के बाद भारत, चिली और ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में लिथियम भंडार वाला तीसरा देश बन चूका है।
जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम के भंडार, भारत के लिए किसी खजाना मिलने से कम नहीं है। इस खोज के बाद भारत विश्व का तीसरा लिथियम भंडारण वाला देश बन गया है। जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम की कुल क्षमता 59 लाख टन है, जो चिली और ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा है.
लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक-व्हीकल समेत कई आइटम्स के लिए चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है. इसके लिए भारत समेत कई देश दूसरे देशो पर निर्भर रहते है। ऐसे में भारत में लिथियम मिलने के बाद ये देश को अंतराष्ट्रीय बाजार में अवल्ल दर्जे पर ला कर खड़ा कर सकता है।
क्या होता है लिथियम ?
लिथियम एक ऐसा खनिज है जिसकी मांग दुनियाभर में सबसे अधिक है। बढ़ते प्रदूषण के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग भी बड़ी है और इन्ही में उपयोग में आने वाली बैटरी में लिथियम का प्रयोग किया जाता है। इलेक्ट्रिक वहीकल , मोबाइल , कंप्यूटर व अन्य आधुनिक तकनीक सभी के लिए लिथियम का उपयोग किया जाता है।
कई करोड़ खर्च कर भारत में आता है लिथियम
अभी तक भारत में जो लिथियम आयात किया जाता है वो एक बड़ी विदेशी मुद्रा खर्च करने के बाद भारत में आता है। भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 में लिथियम ऑयन बैटरी के आयात पर 8,984 करोड़ रुपए खर्च किए थे. इसके अगले साल यानी 2021-22 में भारत ने 13,838 करोड़ रुपए की लिथियम आयन बैटरी इम्पोर्ट की थीं।
लिथियम भंडारण वाला तीसरा देश बन जायेगा भारत
दुनियाभर में लिथियम भंडार के मामले में चिली 93 लाख टन के साथ पहले नंबर पर है. वहीं ऑस्ट्रेलिया 63 लाख टन के साथ दूसरे नंबर पर है वही 59 लाख टन भंडार मिलने से भारत तीसरे नंबर पर आ गया है. भारत ने लिथियम के भंडार में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका विश्व में लिथियम भण्डार में छठे स्थान पर है।