भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के शामिल होने पर भारत ने गुरुवार को बयान दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि किसी सदस्य विशेष पर ध्यान केंद्रित करना उचित नहीं होगा। बैठक में पाकिस्तानी भागीदारी पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने एससीओ के सभी सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया है और किसी एक देश पर खास ध्यान देना उचित नहीं है।
2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आये थे।
बलूच ने कहा कि बिलावल भुट्टो जरदारी भारत के गोवा में 4-5 मई को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. इसके साथ ही हफ्तों से चली आ रही इन अटकलों पर विराम लग गया कि भुट्टो व्यक्तिगत रूप से सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं।
बलूच ने कहा कि पाकिस्तान के जरदारी भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर सम्मेलन में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि मीटिंग में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रियाओं के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है. इससे पहले 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हिंदुस्तान पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे।
चीन और रूस के विदेश मंत्री भी आएंगे भारत।
एससीओ के इस आयोजन के दौरान, द्विपक्षीय बैठकों की संभावना पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी है। हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि ऐसी बहुपक्षीय बैठकों के साथ-साथ अधिक से अधिक द्विपक्षीय बैठकें आयोजित करने का प्रयास किया जाता है। पाकिस्तान के साथ चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भी इस बैठक में भाग लेने की संभावना है।
पहली बार एससीओ बैठक में भाग लेगा ईरान।
भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में नौ देशों के इस संगठन की अध्यक्षता संभाली थी। 20 वर्ष पहले बने इस संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य हैं। ईरान को हाल ही में इसका सदस्य बनाया गया है। ईरान पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में भारत की अध्यक्षता में इस समूह की बैठक में भाग लेगा।