जहां वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे है वहीं भारत की इकॉनमी में एक बड़ा मोड़ आने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले वर्ष से भारत की अर्थव्यवस्था में आ सकता है बड़ा बदलाव ऐसे में क्रिसिल का अनुमान यह है की भारत की इकॉनमी वित्त वर्ष 2024 में 7 फीसदी दर से घटकर 6 फीसदी दर से बढ़ने की संभावना है. इसके पीछे है कई कारण. आइए जानते है इन मुख्य कारणो के बारे में.
क्रिसिल का कहना ये है की अगले साल से भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर में गिरावट देखी जा सकती है.पिछली कुछ रिपोर्ट के मुताबिक ये जानकारी हासिल हुई थी के भारत की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 7 फीसदी दर से बढ़ सकती है. जिसके लिए उन्होनें कुछ कारक भी बताए है.
महंगाई बढ़ने से और केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते इसका असर भारत की ग्रोथ पर पड़ सकता है. जिससे भारत की अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित. इसका प्रभाव हमें भारत के व्यापारिक निर्यात में देखनें को मिल रहा है.
दूसरा अहम कारक,(RBI) भारतीय रिर्जव बैंक के द्वारा बढ़ाए गए इंटरेस्ट रेट के कारण भारतीय इकॉनमी में आ सकता है लचीलापन.
दामों में बढ़ोतरी के कारण भारत की घरेलू मुद्रास्फीति और कॉरपोरेट मार्जिन में भी असर देखनें को मिल सकता है. कच्चे तेल और जिसों के दामों में वृद्धि के चलते इसका साफ प्रभाव भारत की घरेलू मुद्रास्फीति पर होगा.
वहीं दूसरी ओर, सेवा क्षेत्र में पॉजिटिव बदलाव देखने को मिल रहा है.जो अगले साल भी जीडीपी को बढ़ाने में सहयोग करेगा.मुद्रास्फीति में गिरावट के चांस है.जो 6.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी तक हो सकती है.लोगों की आमदनी तेजी से बढ़ने की है उम्मीद. संभावना जताई जा रही है की आने वाले वित्त वर्ष में शहरी अर्थव्यवस्था में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा.