2022 के आंकड़ो के हिसाब से भारत में रोजाना 5 हजार से ज्यादा लोगों होते है आवारा कुत्तो का शिकार.महामारी के बाद से इन मामलों में गिरावट देखी गई है.कोरोना से पहले के मामलों को देखा जाए तो ये आंकड़ा पहले काफी बढ़ा हुआ था.2019 से 2022 के बीच भारत में 1.6 करोड़ से अधिक कुत्तो के काटने के मामले दर्ज किए गए थे. वहीं नवंबर 2022 में ये मामले करीब 10,000 से भी अधिक दर्ज हुए.
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में हुई पशुधन गणना के हिसाब से भारत की सड़को पर लगभग 1.5 करोड़ आवारा कुत्ते घुमते है. रोजाना कुत्तो के हमले की घटनाएं सुर्खियों में छाई रहती है.ज्यादातर मामले बच्चों पर हमले के सामने आते है.पिछले वर्ष केरल में कुत्तो के हमलों के मामलों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरका से इस खतरे से निपटने के लिए सार्वजनिक सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन बनाने की बात की.
रिपोर्ट से पता चलता है की इन कुत्तों के हमलों में ये 60 फीसदी से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश,तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल से दर्ज किए जाते है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) बताता है की दुनिया में 36 फीसदी मौतें रेबीज से होती है.जिनमें से 30 से 60 प्रतिशत 15 से कम आयु के बच्चें होते है.