भाजपा से नाराज हैं सिंधिया समर्थक।पलट सकती हैं सरकार

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मध्य प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल चालू है। मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गर्मी में चढ़ गई है। राज्य सरकार को चिंता सता रही है आगामी चुनावों को लेकर के माननीय मुख्यमंत्री जी जगह-जगह मीटिंग कर रहे हैं। विकास के कार्यों की बातें कर रहे हैं। और साथ ही कई योजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं। लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हुआ करते थे उनके खेमे से आए कई मंत्री जो बीजेपी में शामिल हुए। और कांग्रेस की सरकार को गिराकर बीजेपी की सरकार को एक बार फिर सत्ता पर बैठाया अब वही खेमे की मंत्री नाराज नजर आ रहे हैं।

अब से तीन साल पहले जो हाल कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का हुआ था, वही हाल संभवत: बीजेपी की शिवराज सरकार का भी हो सकता है। कांग्रेस सरकार को गिराने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थक मंत्री ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं। सिंधिया समर्थक मंत्री ने कहा कि अगर बात नहीं मानी गई तो वह सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे।

बता दें, चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में आपसी खींचतान का दौर जारी है। इस आपसी खींचतान के चक्कर में कुछ दिन पहले ही भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, इस खींचतान की ज्वाला अब बुदेंलखंड क्षेत्र में धधक रही है। यहां शिवराज सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के बीच मनमुटाव चल रहा है। इस खींचतान की शिकायत सीएम शिवराज सिंह चौहान से गई है। मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत आज संगठन के पदाधिकारियों से भी मंत्री भूपेन्द्र सिंह की शिकायत करेंगे।

मालूम हो, 15 साल के लंबे वनवास के बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की सरकार बनी थी। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के पद पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ विराजमान हुए थे। लेकिन पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मान सम्मान नहीं मिल पाने की वजह से उन्होंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। उनके साथ उनके समर्थित छह मंत्री व विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और महज डेढ़ साल के अंतराल में ही प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस सरकार हट गई थी और फिर से भाजपा काबिज हो गई थी।

 इधर बुंदेलखंड में सियासी खींचतान की वजह से भारतीय जनता पार्टी में संकट के हालात उभरते नजर आ रहे हैं, जबकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब महज छह महीने का समय ही शेष बचा है। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विधायक शैलेन्द्र जैन, विधायक प्रदीप लारिया और सागर जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात में इन सभी लोगों ने सीएम शिवराज से नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह की शिकायत की। नेताओं ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह पूछे बगैर कोई काम नहीं हो रहा है।

 चर्चा है कि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से नाराज गुट ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कह दी है। सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद नाराज गुट प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद से भी मुलाकात की, जबकि आज बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश से मिलने का भी कार्यक्रम है। नाराज गुट का कहना है कि अगर बात नहीं मानी तो दिल्ली भी जाएंगे। बहरहाल, मंत्रियों की यह आपसी खींचतान बीजेपी सरकार के लिए परेशानी का सबब न बन जाए।

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