MP Election 2023:मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ गयी है। ऐसे में भाजपा की प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। लेकिन इस लिस्ट के जारी होने के बाद भाजपा छोड़ कांग्रेस आये दिग्गज नेताओं को इस लिस्ट से बड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि पहली लिस्ट में 144 उम्मीदवार और दूसरी लिस्ट में 88 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। लेकिन दूसरी लिस्ट में 3 प्रत्याशी बदल दिए गए हैं। इसी वजह से भाजपा छोड़ कांग्रेस आये दिग्गज नेताओं के लिए बुरी खबर है।
टिकट की आस में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले शिवपुरी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का नाम कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में भी शामिल नहीं किया गया है. पिछोर से केपी यादव को टिकट दिया गया है, जिसका वीरेंद्र रघुवंशी विरोध कर रहे हैं. शिवपुरी से टिकट बदलने की उम्मीद थी, कमलनाथ ने भी आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वीरेंद्र रघुवंशी निराशा हाथ लगी है.

दरअसल भाजपा छोड़ टिकट की उम्मीद में कांग्रेस में आए शिवपुरी के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट में पार्टी द्वारा जगह नहीं मिली है। बता दें कि पिछोर में वीरेंद्र रघुवंशी के खिलाफ केपी यादव को टिकट दिया है। लेकिन बताया जा रहा है कि शिवपुरी कमलनाथ द्वारा टिकट बदलने के वादे की कुछ उम्मीद थी । लेकिन टिकट न मिलने पर वीरेंद्र रघुवंशी को निराशा का सामना करना पड़ा है।
इतना ही नहीं मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी से बगावत करने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे कयास लगाएं जा रहें हैं कि नारायण त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और मैहर से उम्मीदवार भी बन सकते हैं। हालाँकि, नारायण त्रिपाठी का नाम कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में नहीं आया आया है। उनकी जगह कांग्रेस ने मैहर से धर्मेश घई को अपना उम्मीदवार चुना गया है.
आपको बता दें कि लगभग आठ महीने पहले भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी में शामिल होने वाली रोशनी यादव को कांग्रेस ने बड़ा झटका दे दिया है। ऐसी उम्मीद थी कि वह निवाड़ी से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह अमित राय को चुना है। इसके साथ ही मेघा परमार इछावर विधानसभा सीट के लिए प्रचार कर रही थीं, लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह शैलेन्द्र पटेल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। पहले भाजपा के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किए जाने के बावजूद, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया।