भाजपा विधायक के कार्यालय और उनके बेटे के घर से 8 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई

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कर्नाटक दक्षिण भारत का इकलौता राज्य है, जहां BJP सत्ता में है। यहां अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले सरकारी करप्शन का मुद्दा फिर गरमा गया है और ये BJP के लिए मुसीबत बन सकता है, क्योंकि आरोप विधायकों और मंत्रियों पर है। राज्य के कॉन्ट्रैक्टर्स ने इस करप्शन सिंडिकेट के खिलाफ बुधवार को बेंगलुरू में प्रदर्शन भी किया

कर्नाटक में भाजपा विधायक के कार्यालय और उनके बेटे के घर से 8 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई है। यह एक गंभीर मामला है जिसमें नकदी की जब्ती के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
भाजपा विधायक और उनके बेटे के घर से नकदी की जब्ती को लेकर कर्नाटक पुलिस ने बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया कि यह नकदी उनके व्यवसाय से जुड़े हुए लेनदेन से संबंधित है।इस मामले की जांच जारी है और अभी तक इससे जुड़े और भी विवरण जारी नहीं किए गए हैं।

अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि एक दिन पहले रिश्वत लेते पकड़े गए कर्नाटक के भाजपा विधायक के एक नौकरशाह बेटे के घर की तलाशी के बाद लगभग 6 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. लोकायुक्त की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल के घर पर छापा मारा और नकदी का बड़ा ढेर पाया. मदल विरुपक्षप्पा राज्य के स्वामित्व वाली कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष हैं. यह प्रसिद्ध मैसूर सैंडल साबुन बनाती है. उनका बेटा बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) में मुख्य लेखाकार हैं.

प्रशांत ने 80 लाख घूस मांगी थी, लोकायुक्त बोले- बेटा और पिता, दोनों दोषी
लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्‍त से की थी।

शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई। अधिकारी ने बताया कि KSDL के चेयरमैन और भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्‍पा ओर से ये रकम ली गई है। ऐसे में रिश्वत लेने के इस मामले में पिता और पुत्र दोनों आरोपी हैं।

हम निष्पक्ष जांच करेंगे
​​बोम्मई ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने गलत कार्यों की लीपापोती के लिए लोकायुक्त संस्थान के अलावा एक अलग भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) बनाया था। बोम्मई ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा कि अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी थी। बोम्मई ने कहा, ‘‘हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे।

इस मामले में भी हमारा रुख यह है कि स्वतंत्र लोकायुक्त संस्था निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।” उन्होंने कहा, ‘‘वहां मिली सारी जानकारी और पैसा, सब कुछ अब लोकायुक्त के पास है। एक स्वतंत्र और न्यायसंगत जांच होनी चाहिए। हमारा लक्ष्य यह है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि यह पैसा किसका था और इसका उद्देश्य क्या था।”

इस मामले में, भाजपा के विधायक के कार्यालय और उनके बेटे के घर से जब्त की गई नकदी की राशि बहुत अधिक है। इस घटना को राजनीतिक विवादों से जोड़ने का कारण है क्योंकि इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। बहुत से लोग इसे राजनीतिक घटनाओं से जोड़ते हैं जैसे कि चुनाव निधि या प्रचार के लिए खरीदारी करना। हालांकि, इस घटना का असली कारण और इस से क्या संबंध है, इसे अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।
यह घटना कर्नाटक में भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।।

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