भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। भगवान इस साल नए रथ में नगरभ्रमण पर निकलेंगे। रथ का रंगरोगान शुरू हो चुका है। जगन्नाथपुरी के रथ के जैसा ही रथ तैयार होगा। पुरी की रथयात्रा का एहसास कराने का प्रयास मंदिर प्रशासन कर रहा है। भगवान के रथ का रंगरोगान हाथ से नहीं बल्कि स्प्रे के पक्के रंग से किया जा रहा है। इससे हर साल रंगने की जरूरत नहीं रहेगी। 10 दिन में रथ का रंगरोगन पूरा हो जाएगा।
72 साल बाद भगवान नए रथ में।
बरसों से भगवान जगन्नाथ की सजावट काम करने वाले और रथ खिंचने वाले महेंद्रभाई खलास ने भास्कर को बताया कि वर्ष 1950 में नया रथ बनाया गया था। 72 साल बाद इस साल 73वें वर्ष नए रथ में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्राजी विराजमान होकर नगरभ्रमण करेंगे। नए रथ बनाने के काम में दिवाली बाद से लकड़ियां लाने और छोटे-बड़े काम शुरू हो गए थे। इस रथ को बनाने में तीन महीने का समय लगा है।
जगन्नाथपुरी की रथयात्रा जैसा ही एहसास होगा
जमालपुर जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदासजी महाराज ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारियों के अंतर्गत नए रथ का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बहुत बड़ा उत्सव है और इससे लोगों की आस्था जुड़ी है। भले लोग जगन्नाथपुरी जा न सकें, लेकिन जगन्नाथपुरी की रथयात्रा जैसा ही एहसास लोगों को हो ऐसा प्रयास किया जा रहा है। इसलिए रथ का रंगरोगान भी जगन्नाथपुरी जैसा ही किया जा रहा है।
नए रथ की ट्रायल भी लिया जाएगा
भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा 22 जून को निकलेगी। रथयात्रा की तैयारियां अक्षय तृतीया से ही शुरू हो गई है। अभी रथ के छोटे-मोटे काम किए जा रहे हैं। रथ के पहिये लगाने के काम भी शुरू हो गए हैं। 4 जून को भगवान जगन्नाथ की जलयात्रा से पहले रथ के सभी काम पूरे हो जाएंगे। नया रथ होने के कारण रथ का ट्रायल भी लिया जाएगा, जिससे रथयात्रा के दिन किसी भी तरह की तकलीफ उत्पन्न न हों।