दरअसल, अमेरिका में (US Banking Crisis) के चलते डिपॉजिटर्स को फिक्रमंद बना दिया है. भारत में भी अब लोग बैंको में जमा अपने पैसों के लिए चिंतित है. आमतौर पर लोगों को फाइनेंशियल दुनिया में क्या चल रहा है इसकी जानकारी नही होती है.अचानक से जब उनको पता चलता है तो उनके सिर पर मुसिबतों का पहाड़ सा टूट जाता है. लोग सारी जिदंगी मेहनत कर अपना पैसा बैंको में जमा करते है ताकि वे कठिन समय में उस पैसे को इस्तेमाल कर सकें.रिपोर्ट से ये पता चला है की अमेरिका में जो बैंक डूबा था उसमे कई लोगों के पैसों का इंश्योरेंस नही था.
Silicon Valley Bank में जिन लोगों ने अपना पैसा डिपॉजिट किया था उनमें से काफी लोग ऐसे थे जिनके जमा पैसों का इंश्योरेंस नही हुआ था. हालांकि, अमेरिकी रेगुलेटर्स और सरकार ने ये दावा किया है की लोगों के पैसे नही डूबेंगे. लेकिन उन्होनें इस बात का जवाब नही दिया है की लोगों के पैसे कब मिलेंगे और क्या उन्हें पूरे पैसे वापस मिल पाएंगे या नही.
दिसंबर 2021 में भारत सरकार ने कानून में कुछ सशोंधन किए थे. ग्राहको के हित में सरकार ने बड़ा ऐलान किया था. जिसके तहत सरकार ने बैंको में जमा राशि के लिए इंश्योरेंस कवर लिमिट को बढ़ा दिया था. जो रक्म पहले 1 लाख रूपये थी वहीं सशोंधन के बाद 5 लाख रूपये कर दी गई थी. दरअसल, (DICGC) Deposit Insurance and credit guarantee corporation लोगों को उनके बैंको में जमा पैसों के लिए इंश्योरेंस कवर प्रोवाइड कराती है. इसमें हर तरह के बैंक अकाउंट शामिल है.
भारत में अगर कोई बैंक डूब जाता है और यदि आपकी जमा राशि पर इंश्योरेंस कवर है तो सरकार आपको 5 लाख तक की रक्म को वापस करती है. इस सशोंधन के चलते अगर आपके बैंक अकांउट में 3 लाख रूपये है और उसी बैंक में आपका कोई दूसरा अकांउट है तो आपको बैंक डूबने पर 5 लाख रूपये मिलेंगे.
इस कानून के चलते ही 99 फीसदी लोगों को उनकी राशि के लिए सुरक्षा प्राप्त है.