बेलारूस के नेता ने चीन का किया दौरा। जानें क्या है मायने ?

china

रूस के करीबी सहयोगी बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको राजकीय यात्रा पर मंगलवार को बीजिंग पहुंचे जहां यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण को लेकर चीन के रवैये पर नजर रखी जाएगी। चीन युद्ध में तटस्थता का दावा करता है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि वह रूस को सैन्य सहायता भेजने पर विचार कर रहा है।

पुतिन से मुलाक़ात के बाद लूकाशेंको की चीन यात्रा

लूकाशेंको की ये यात्रा चीन के राजनयिक वांग यी की मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात के कुछ ही दिन बाद हुई है.लूकाशेंको और शी जिनपिंग की ये मुलाक़ात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करने के लिए मध्य-एशियाई देशों का दौरा कर रहे हैं.
बुधवार को चीन और बेलारूस ने इस युद्ध को लेकर गहरी चिंता ज़ाहिर की और यूक्रेन में जल्द से जल्द शांति स्थापित करने को लेकर गहरी दिलचस्पी जताई. बेलारूस की सरकारी समाचार एजेंसी बेल्टा ने ये जानकारी दी है.

चीन ने शांति वार्ता प्रस्ताव किया जारी।

बीजिंग ने शुक्रवार को यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष विराम और शांति वार्ता के लिए एक प्रस्ताव जारी किया। अमेरिका और नाटो पर संघर्ष को भड़काने का आरोप लगाया है और रूस और इसके सैन्य प्रयासों को सहायता के रूप में देखी जाने वाली संस्थाओं के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों की निंदा की है। अमेरिका को चीन-रूस संबंधों पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को एक दैनिक ब्रीफिंग में कहा, हम किसी भी तरह से अमेरिकी दबाव और जबरदस्ती को स्वीकार नहीं करेंगे।

लूकाशेंको के साथ बैठक के बाद चीनी भाषा में जारी किए गए एक बयान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि शीत युद्ध की पश्चिमी मानसिकता से अब छुटकारा पाया जाना चाहिए.
शी जिनपिंग ने कहा कि देशों के वैश्विक अर्थव्यवस्था का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए और ऐसे क़दम उठाने चाहिए जिनसे “युद्ध रुके, संघर्ष विराम में मदद मिले और इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकले.”
चीन ने पिछले साल सितंबर में बेलारूस के साथ अपने रिश्तों को और मज़बूत किया था. अब लूकाशेंको ने चीन का तीन दिवसीय दौरा किया है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने बेलारूस के साथ अपने रिश्तों को परिभाषित करते हुए कहा है “बेलारूस के साथ हमारी हर मौसम में चलने वाली विस्तृत रणनीतिक भागीदारी है.” चीन ने इससे पहले इस तरह की भाषा सिर्फ़ पाकिस्तान के लिए इस्तेमाल की है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top