हमारे देश की वह बेटियां जो देश के लिए मेडल लाई हैं। जो कुश्ती में देश का नाम रोशन कर चुकी है ।उन बेटियों ने ब्रजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन उनका ऐसा मानना था कि उन आरोपों की अभी कोई सुनवाई नहीं हुई हैं। तो हमें मजबूरी बस धरने को लगातार आगे बढ़ाना पड़ रहा है हम यह भी जानते हैं कि इससे हमारा कैरियर खराब हो सकता है हमें शायद मार भी दिया जा सकता है उसके बाद भी हम लड़ने के लिए तैयार हैं
पहलवानों के विरोध पर (On Protest of Wrestlers) डब्ल्यूएफआई प्रमुख (WFI Chief) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने कहा मुझे आप फांसी दे दीजिए (You Hang Me), लेकिन खेल को मत रोकिए (But Don’t Stop the Game) । मैं पहलवानों से अपील करना चाहता हूं कि आपकी वजह से खेल की गतिविधि 4 महीने से ठप है… बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करिए।
बृजभूषण ने आगे कहा कि जब राजनीति का मौसम आएगा तो राजनीति कर ली जाएगी, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसी पर भरोसा किया जाना चाहिए. तीन महीने पहले तक पहलवान एफआईआर के लिए क्यों नहीं गए? केस दर्ज करने की बात सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, बल्कि सरकार ने कही है. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा है कि FIR लिखने में कोई दिक्कत नहीं है.
आपको बता दें कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर कुछ शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है। जहां पहली एफआईआर एक नाबालिग पहलवान के आरोप से संबंधित है और पोस्को अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, वहीं दूसरी एफआईआर यौन उत्पीड़न से संबंधित है।
बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. लोगों को पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जिसमें सब साफ हो जाएगा. बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तीन महीने में दूसरी बार पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं. देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन रेसलर शामिल हैं.