आपको बतादें की देश भर में मुजफ्फरफुर शहर को लीचि के लिए जाना जाता है. लेकिन आपको बतादंे की अब बिहार में किसानों को लीचि की प्रजाति के विदेशी फल लौंगन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. बतादें की ये एक लीचि की प्रजाति से बना एक फल है जिसका नाम है लौंगन. जानकारी दें दे की इस फल की सफल और बेहतरीन खेती को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने शुरू किया था. इसके साथ ही थाइलैंड और वियतनाम में इस फल को काफी खाया जाता है.
इस फल की खेती को लीचि की फसल के बाद से उगाया जाता है. जिसे किसानों के लिए सही समय पर उगाया जाता है इसके साथ ही आपको बतादें की लीचि की तरह से इस लौंगन फल का रंग लाल नही होता है. आपको बतादें की इस फल में एंटी पेन और एंटी कैंसर के गुणों को पाया जाता है. इसके साथ ही इसमे बाॅडी की प्रतिरोधक ताकत को बढ़ानें की शक्ति होती है.
ऐसे तैयार किया जाता है ये फल
आपको बतादें की ये फल लीचि की तरह होती है लेकिन इसका रंग लीचि की तरह लाल नही होता है. इसके साथ ही ये फल जुलाई के महीनें में तैयार हो जाता है. इसके पत्ते भी लीचि की ही तरह से आते है. वहीं पेड़ भी समान ही होता है. बात करें अगर इस फल के आकार की तो आपको बतादें की इस फल की लीचि की तरह से गोल नही होती है. इस फल की सबसे बड़ी और खास चीज ये है की इस फल में कभी भी कीड़े नही लगते है. इसके साथ ही आपको जानकारी दें दे की लीचि जैसे इस फल लौंगन को लीचि के उत्पादन के एक महीनें के बाद से ही उपलब्ध कराया जाता है.