अधिकतर लोग वजन कम करने के लिए जिम में खूब पसीना बहाते हैं। हर रोग का नेचुरल तरीके से इलाज योग कर सकता है। आप नियमित रूप से योगासन करके वजन कम कर सकते हैं। इसके अलावा योग पेट पर जमी को भी कम करने में मदद करता है। तेजी से पेट की चर्बी कम करने के लिए चार बेस्ट योगासन हैं। अगली स्लाइड्स में देखिए वजन घटाने और कम समय में बेली फैट कम करने के योगासन। शोधकर्ताओं के अनुसार, योग की कला एक हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। योग को ऋषियों और ब्राह्मणों द्वारा विकसित किया गया था, जिन्होंने इसके बारे में उपनिषदों में लिखा है। अपने जन्म के बाद, योग का ज्ञान कई सालों तक विकसित हुआ और उस प्रारूप में आया जिसे अब हम योग के रूप में अभ्यास करते हैं।
प्लैंक पोज
चतुरंग दंडासन या प्लैंक आपकी आंतरिक शक्ति को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह देखने में जितना आसान लगता है, इसके फायदे उतने ही ज्यादा हैं। जब आप इस योगसन की मुद्रा में होंगे, तब आपको इसका असर अपने पेट की मांसपेशियों पर महसूस होने लगेगा।
नौकासन
यह योगासन न केवल पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है बल्कि पैर और हाथ की मांसपेशियों को भी टोन करता है।
करने का तरीका
- योगा मैट पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को एक साथ लाएं और बांहों के साथ जोड़ें।
- अब अपनी बांहों को अपने पैरों की ओर बढ़ाते हुए अपने चेस्ट और पैरों को जमीन से उठाएं। इस दौरान आपका बॉडी वेट पूरी तरह से आपके हिप्स पर होना चाहिए।
- अपनी आंखों, उंगली और पैर की उंगलियों को एक लाइन में रखें। फिर सांसों को रोकें और कुछ सेकेंड के लिए इस पोजीशन में रहें।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले वाली पोजीशन में आ जाएं।
अधो मुख संवासन या डाउनवर्ड डॉग पोज
अधो मुख संवासन विशिष्ट मांसपेशियों पर थोड़ा अतिरिक्त ध्यान देकर आपके पूरे शरीर को टोन करता है| यह आपकी बाहों, जांघों, हैमस्ट्रिंग और पीठ को मजबूत करने में मदद करता है। इस मुद्रा को धारण करने और अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करने से आपकी मांसपेशियां प्रभावित एवं टोन होती है, साथ ही साथ आपकी एकाग्रता और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
सूर्य नमस्कार
योगा का ये आसन सबसे प्रसिद्ध है। सूर्य नमस्कार का मतलब होता है, सूरज का अभिवादन करना। इस योगासन में 12 योग मुद्राओं को शामिल किया गया है। ये योगासन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। सूर्य नमस्कार को 10 से 15 मिनट तक करना काफी होता है। इसमें शरीर की पानी की मात्रा संतुलित रहती है और अनावश्यक तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस आसन से शरीर के लगभग हर अंग की कसरत हो जाती है।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन को योद्धा मुद्रा कहते हैं। इस आसन में आपकी पोजीशन पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के जैसी होती है। इसमें अपने पैर को पीछे की ओर खींचते हुए दूसरे पैर को आगे कूदने की पोजीशन में बना लें। फिर हाथों को जोड़कर सिर को ऊपर तक से जाएं। अब अपने हाथ को छाती के सामने ले जाते हुए खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें। फिर दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर रखें और दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें।
पूर्वोत्तनासन
इस आसन को करने के लिए पैरों पर बैठकर उन्हें आगे की ओर खींचें। अब अपने हाथों को हिप्स के पीछे ले जाएं और पैरों की तरफ करें। फिर पैरों से शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाने की कोशिश करें। यह पोजिसन पुश-अप करने की मुद्रा का ठीक उल्टी होती है। यह आसन से आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों के लिए अच्छा है।