बाबा बागेश्वर पर वार। एक बार फिर लगाए आरोप का दरबार।।

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गौरतलब है कि, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में हैं. उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का फैसला किया है.. उनका मानना है कि दुनिया में धर्ण केवल सनातन ही है, बाकी सारे पंथ हैं
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का ऐसा मानना है कि उन पर भगवान का इष्ट हैं और दादा गुरु का आशीर्वाद है। पर्ची पर लिखकर लोगों की मन की बात बताते हैं और उनकी समस्याओं को हल करते हैं तो यही बात कई लोगों ने उनको चैलेंज के साथ कहिए इसके पहले भी नागपुर में
अंधश्रद्धा   उन्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री नागपुर में चल रही रामकथा के दौरान आरोप लगाया कि वह लोगों को केवल मूर्ख बनाने का काम कर रहे हैं. अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का भी आरोप लगाया
और अब . प्रकाश इंडियन टाटा ने धीरेंद्र शास्त्री को खुली चुनौती दी है

छिंदवाड़ा एक ओर बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छिंदवाड़ा आने की तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर छिंदवाड़ा के ही आयुर्वेद चिकित्सक डा. प्रकाश इंडियन टाटा ने धीरेंद्र शास्त्री को खुली चुनौती दी है।

उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री पर्ची में मन की बात लिखने का दावा करते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, ये सिर्फ भोले भाले लोगों को बरगलाने का तरीका है। यदि वे मेरे मन की बात पढ़ लेंगे तो मैं उन्हें एक करोड़ रुपये दूंगा। पत्रकारों से चर्चा के दौरान डा. टाटा ने कथावाचक को यह चुनौती दी।
उन्होंने कहा, जब हर चीज की परीक्षा होती है तो इनकी क्यों न हो. कृष्ण भगवान ने भी महाभारत में अर्जुन को अपना रूप दिखाया. मन की बात जानने के लिए हजारों सालों की तपस्या करनी पड़ती है. मन की बात वही कहलाएगी जो हम लिखेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर कथावाचक शास्त्री ऐसा नहीं कर पाए तो उन्हें मुझे 11 लाख रुपये देना पड़ेंगे। उन्होंने यह कहा कि यह दावा देश भर में फैले सभी पर्ची बाबाओं के लिए भी है। चाहे वह भी किसी भी धर्म का ही क्यों ना हो।

डा. टाटा के मुताबिक इस प्रकार के बाबा ज्यादातर उन ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी करामात दिखाते हैं, जहां कम पड़े लिखे लोग होते हैं। मेरी सलाह है कि ऐसे बाबाओं को धर्म का प्रचार करना चाहिए न कि इस प्रकार का झूठा भरोसा दिलाना चाहिए।

15सालो की साधना पर भी नही मिलती शक्ति और सिद्धि

उन्होंने कहा कि सिद्धि ऐसे ही किसी को नहीं मिल जाती है, मैंने भी 15 सालों तक साधना की है, लेकिन मुझे तो ऐसी कोई सििद्ध नहीं मिली। अब मैं आयुर्वेद के जरिए लोगों का इलाज कर रहा हूं, ये पद्धति व्यापक और भरोसेमंद हैं। लोगों को भी यही सलाह देता हूं कि इस प्रकार के बाबाओं के चक्कर में न पड़ें।

डा. टाटा ने जयसूर्या का किया था इलाज

बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री को चुनौती देने वाले डा. टाटा ने वर्ष 2018 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या के घुटनों का इलाज पातालकोट की जड़ी-बूटियों से किया था। इस दौरान जयसूर्या घुटनों के दर्द से जूझ रहे थे। काफी इलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं हुए तो उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने की सलाह दी थी। साथ ही अजहरुद्दीन ने छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा से उनकी बात करवाई थी। बताया जाता है कि डा. टाटा ने इलाज करके जयसूर्या को 72 घंटे में पैरों पर खड़ा कर दिया था।

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चमत्कार को चुनौती देने वालों को जवाब देते हुए कहा, हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार। नागपुर में कथा कर बागेश्वरधाम लौटे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, हम कई साल से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरु हैं। नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने आरोप लगाया था कि उन्होंने चमत्कार के दावे कर कानून का उल्लंघन किया है।
बाबा बागेश्वर धाम का कहना है कि मैं कोई चमत्कारी यह सिद्धि का कार्य नहीं करता हूं दादा गुरु का आशीर्वाद है उसकी उनकी कृपा से ही मैं लोगों की समस्याओं का समाधान करता हूं। किसी को भी इससे दिक्कत है वह मेरे दरबार में आए अर्जी लगाई और सामने ही चमत्कार देखें।।

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