“बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों का असर,
बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों की वजह सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज.उठी है. प्रदर्शनकारी सरकार की आर्थिक और राजनीतिक नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं.जिसकी वजह से प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह भाग के भारत आ गई.और तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है.

भारतीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई
ढाका में जारी विरोध प्रदर्शनों का असर भारत-बांग्लादेश सीमा पर दिखने लगा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है.बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों में सरकार के खिलाफ नारेबाजी और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं.प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं

भारतीय सीमा में सुरक्षा व्यवस्था
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है. सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है.भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा विवाद एक पुराना मुद्दा है, लेकिन हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध सुधरे हैं.
लेकिन बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों का असर भारत-बांग्लादेश सीमा पर दिखने लगा है.स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई है और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बल तैयार हैं.

भारत का शेख हसीना और बांग्लादेश के प्रति दृष्टिकोण:
भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ सहानुभूति दिखाई है और उन्हें शरण दी है. भारत सरकार ने शेख हसीना को नई दिल्ली में हिंडन एयर फोर्स बेस पर उतरने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्राप्त किया. भारत ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए सहयोग की पेशकश की है.

भारत की भूमिका.और.भारत-बांग्लादेश संबंध
भारत ने बांग्लादेश की स्थिति में मध्यस्थता करने की कोशिश की है और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए सहयोग की पेशकश की है. भारत ने शेख हसीना को शरण देकर बांग्लादेश की स्थिति में सुधार की कोशिश की है.
भारत और बांग्लादेश के बीच दोस्ताना संबंध हैं. दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में सहयोग किया है, जैसे कि व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति. भारत ने बांग्लादेश की आर्थिक विकास में मदद की है और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं.