बरसात ने बड़ाई किसान की चिंता

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बेमौसम बरसात में कई लोगों को चिंता में डाल दिया है गर्मी में बारिश का एहसास कराता है यह पानी किसानों के लिए बड़ा ही संकट का कारण बना हुआ है ऐसे में सरकार अभी भी यह रही है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है

देश के कई हिस्सों में बेमौसम बरसात हुई है. माना जा रहा है कि इससे मानसून प्रभावित होगा, लेकिन इसे लेकर राहत की खबर है. IMD ने अनुमान लगाया है कि बेमौसम बरसात से मानसून प्रभावित नहीं होगा. वहीं सरकार की अनाज उत्पादन पर भी नजर बनी हुई है. कृषि मंत्रालय ने बुधवार को 2023-24 फसल वर्ष के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 332 मिलियन टन निर्धारित किया है. दालों के उत्पादन का लक्ष्य 292.5 लाख टन निर्धारित किया गया है. तिलहन का उत्पादन 40 मिलियन टन से बढ़ाकर 44 मिलियन टन करने की उम्मीद है.

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. जून से शुरू होने वाले आगामी खरीफ (गर्मी में बोई जाने वाली फसल) की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें फसलों के उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित किया गया था. आईएमडी ने पिछले महीने भविष्यवाणी की थी कि जून-सितंबर के दौरान मौसम सामान्य रहेगा. 49% वर्षा के साथ मानसून सामान्य रहने की संभावना है. आईएमडी ने एल नीनो की संभावना का भी अनुमान लगाया था जो खरीफ सीजन की दूसरी छमाही (अगस्त-सितंबर) पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.

कृषि मंत्रालय ने राज्यों को कम वर्षा के लिए तैयार रहने और सूखा प्रतिरोधी बीजों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी है. भारत का कृषि क्षेत्र पिछले छह वर्षों से 4.6% की औसत वार्षिक दर से मजबूत वृद्धि देख रहा है, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों ने देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.’

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