गुजरात हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री दिखाने से जुड़े एक आदेश को खारिज कर दिया है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने मोदी की एमए की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग की थी। गुजरात हाई कोर्ट ने इसे तुच्छ और भ्रामक पिटिशन करार देते हुए केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया।
याचिका दायर कर प्रधानमंत्री।
गुजरात यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरटीआई कानून के तहत पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपलब्ध कराने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था.
साल 2016 के अप्रैल में तत्कालीन सीआईसी एम श्रीधर आचार्युलु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और गुजरात यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी को दी डिग्रियों के बारे में सीएम केजरीवाल को जानकारी देने का निर्देश दिया था. इसके तीन महीने बाद गुजरात हाई कोर्ट ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी, जब यूनिवर्सिटी ने उस आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की।
फैसले पर बोले केजरीवाल।
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है। इसमें केजरीवाल ने लिखा है कि क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।
क्या बोली भाजपा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि आप नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता से संबंधित मामले को प्रेरित तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज, गुजरात उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला दिया है। यह मामला गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर किया गया था। विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि पीएम मोदी की डिग्री पहले से ही उसकी वेबसाइट पर है। लेकिन उसके बावजूद मुख्य सूचना अधिकारी (CIC) ने अरविंद केजरीवाल के आदेश पर पीएम की योग्यता का खुलासा करने को कहा।