अंग्रेजों के जमाने में बिछाई गई कोटा-बीना रेललाइन के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है।24 अप्रैल को रीवा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण करेंगे लगभग 2.5 हजार करोड़ की लागत से इस लाइन का दोहरीकरण पूरा हुआ।इसमे लगभग 10 वर्ष लगे। रेल प्रबंधन इसकी तैयारियों में लगा हुआ है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से जहां एक तरफ ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, वहीं लेट-लतीफी की समस्या से भी निजात मिलेगी। इसी रेलखंड में अंग्रेजों द्वारा बनाई गई स्टेशन की बिल्डिंग भी अभी मौजूद है, जो इस इतिहास की गवाही देती है। अंग्रेजों द्वारा बिछाई गई इस सिंगल रेल लाइन को डबल होने में 127 वर्ष लग गए। अब यह प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार हो गया है।
पूरा होने में 10 वर्ष लगे
रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा किए जा रहे इस कार्य को 10 साल में पूरा किया गया है। हालांकि इसकी शुरुआत कुछ सेक्शनों में टुकड़ों में की गई थी। वहीं, जिन सेक्शनों में काम पहले शुरू हुए थे, वहां काम पूरा होने के बाद लगातार तीन से चार सालों तक अलग-अलग सेक्शनों में रेल संरक्षा आयोग (सीआरएस) की ओर से निरीक्षण किए गए और फिर उन रेल खंडों में ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे दी गई थी। शुरुआत में इसकी लागत निर्धारित हुई थी, उससे एक हजार करोड़ की अधिक राशि इसमें व्यय हुई। कोटा-बीना रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। तब इसकी प्रारंभिक लागत करीब 1415 करोड़ थी। लेकिन अब यह बढ़कर 2476 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। यह 283 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन में पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा और भोपाल मंडल के अधीन आती है। इसमें कोटा मंडल में 165 किलोमीटर और भोपाल में बीना से गुना करीब 118 किलोमीटर की लाइन आती है।
अब 100 किमी से चलेगी ट्रेन
कोटा बीना लाइन का दोहरीकरण से लाइन की कैपिसिटी बढ़ जाएगी और ज्यादा ट्रेनों को संचालित कर पाएंगे। माल वाहक गाड़ियों की स्पीड भी बढ़ेगी। इसके अलावा यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए यात्री ट्रेनें चलती है। इसमें महत्वपूर्ण दयोदय एक्सप्रेस, कोटा-इंदौर इंटरसिटी, अहमदाबाद-दरभंगा, उज्जैन-देहरादून सहित लोकल ट्रेन है। इन कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी। यात्री गाड़ियां करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकेगी. जिससे यह अब कम समय में पहुंच सकेगी। रेलवे के मुताबिक अब पहले से ज्यादा ट्रेनें इस सेक्शन में चला सकेंगे। इससे यात्रियों को भी फायदा होगा।
साप्ताहिक ट्रेनों की बढ़ सकती है फ्रीक्वेंसी
कोटा बीना रेलवे लाइन पर साप्ताहिक ट्रेन बड़ी संख्या में संचालित होती है। ऐसे में इन साप्ताहिक ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार कोटा मंडल के नई ट्रेन या स्टॉपेज बढ़ाने के बारे में जनप्रतिनिधियों और आम जनता की मांग आती है तो उसके अनुसार हम प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजते हैं। इस तरह के प्रस्ताव में ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी की बढ़ोतरी भी शामिल है। इस तरह के सभी निर्णय रेलवे बोर्ड लेता है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाती है।
लेटलतीफी की समस्या से मिलेगी निजात
रेलवे लाइन पर ट्रेनों की लेटलतीफी भी काफी प्रचलित है। ऐसे में अब इस रेलवे ट्रैक पर करीब 100 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन चल सकेगी। यात्री गाड़ियों को मालगाड़ियों के क्रॉसिंग के लिए खड़ा किया जाता था, जिससे अब निजात मिलेगी। इसके अलावा इस रेलवे लाइन से साप्ताहिक ट्रेनें काफी संख्या में गुजरती है. यह ट्रेनें लंबी दूरी की होती हैं। ऐसे में पहले से ही देरी से चलती है, रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण होने से इनकी स्पीड भी अब बढ़ेगी और उनके समय में भी आंशिक रूप से कमी आएगी।