आप हमेशा अपने साथ पानी की बोतल लेकर चलते होंगे पर एक चौकाने वाला खुलासा एक रिसर्च में किया गया है। रिसर्च में कहा गया है कि बार-बार उपयोग होने वाली पानी की बोतलें काफी खतरनाक हैं। न्यू अमेरिका स्थित वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक रिसर्च में पाया कि बार-बार उपयोग होने वाली पानी की बोतलों में औसत टॉयलेट सीट की तुलना में लगभग 40,000 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं. शोधकर्ताओं की टीम ने टोंटी के ढक्कन, पानी की बोतलों के ढक्कन समेत अलग-अलग ढक्कनों को तीन बार साफ किया. इस दौरान इनमें दो तरह के खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए।
किस तरह की बोत्तल का करे उपयोग।
रिसर्च में पाया गया कि कांच की बॉटल ज्यादा सेफ होती है। लेकिन इसे कैरी करना आसान नहीं होता है। तो ऐसी बॉटल लें जिसमें पानी पीने के लिए अलग से गिलास होता है या जिसमें मुंह नहीं लगाया जाता है।
दिन में एक बार बोतल जरूर धोये।
शोधकर्ताओं ने बोतलों की सफाई की घरेलू वस्तुओं से तुलना की और कहा कि उनमें रसोई के सिंक से दोगुने कीटाणु होते हैं. एक कंप्यूटर माउस पर मौजूद बैक्टीरिया की तुलना में इसमें चार गुना और एक पालतू जानवर के पानी पीने के कटोरे से 14 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं. इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के मानव विज्ञानी डॉक्टर एंड्रयू एडवर्ड्स ने कहा कि इन बोतलों की वजह से अब इंसानों का मुंह कीटाणुओं का घर बन गया है. शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि बार-बार उपयोग होने वाली बोतलों को दिन में कम से कम एक बार गर्म पानी और साबुन से धोना चाहिए।
खतरनाक बैक्टीरिया होते है मौजूद।
शौधकर्ताओं ने बताया कि पानी की बोतलों में मौजूदयह बैक्टीरिया इतने खतरनाक हैं कि ये मानव शरीर के अंदर ऐसी क्षमता पैदा कर सकते हैं, जिसके बाद एंटीबायोटिक दवाओं का भी कोई असर नहीं होगा. जबकि कई बैक्टीरिया ऐसे भी हैं, जिनसे आंत की बीमारियां हो सकती हैं.
बीमारी से बचने के लिए हमेशा एक स्वच्छ बोतल पानी के साथ अपने पास रखें और उसे अपने आप से ही नहीं छूटने दें. साथ ही, बोतल को नियमित अंतराल पर साफ पानी से धोते रहें और उसे खुशबूदार साबुन से धोकर स्वच्छ रखें.