पहलवान का दर्द देश देख रहा।मेडल गंगा में बहाने का किया ऐलान

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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है. रेसलर विनेश फोगाट ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि आज मंगलवार (30 मई) शाम छह बजे खिलाड़ी अपना मेडल हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर देंगे. विनेश फोगाट ने ये ऐलान 28 मई को पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन के दो दिन बाद किया है. उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री ने एक बार भी पहलवानों की सुध नहीं ली.

यह देश के पहलवान जो देश के लिए मेडल लाए हैं। उसी मेडल को गंगा में बहाने की बात कर रहे हैं। जिस तरीके से देश के पहलवानों के साथ अन्याय हो रहा है वह पूरा देश देख रहा है ।कैसे उन्हें पुलिस के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। तो कभी उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है ।आज बृजभूषण शरण सिंह जैसे लोग राजनीति में अपना दबदबा बनाए बैठे हैं पुलिस ब्रजभूषण में घमासान मचा हुआ है। लेकिन मानो पहलवानों ने भी जिद ठान रखी है जब तक शरण सिंह को सलाखों के अंदर नहीं किया जाएगा तब तक पहलवान इस तरह संघर्ष करते रहेंगे

28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा. पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया. हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया. हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई. क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय माँगकर कोई अपराध कर दिया है. पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियाँ कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को क़बूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है. यहाँ तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है. हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है. हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे.

हमे अपराधी बना दिया।

अब लग रहा है कि क्यों जीते थे. क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे. हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे.कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं. तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना ख़त्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है.अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना.

इसी के साथ पहलवान ने कहा कि मेडल उनकी जान हैं उ इसके बिना जीना भी उनके लिए मुश्किल हैं इसलिए वे इंडिया पर आमरण अनशन करेंगे। बंजरंग पुनिया ने अपने ट्विटर हैं पर पहलवानों की तरफ से लिखे खुले पत्र को शेयर किया है।

मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने केबाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हमइंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएँगे. इंडिया गेट हमारेशहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी.हम उनके जीतने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलतेवक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी.

अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं. अब लोक को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफ़ेदी वाले तंत्र के साथ.
आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे।

इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे.।

बता दें कि रविवार (28 मई) को पहलवानों ने नए संसद भवन उद्घाटन पर खलल डालने की कोशिश करनी चाहिए। दि पुलिस ने पहलवानों को समझाने की कोशिश की लेकिन उन्ह एक नहीं मानी तो उनपर एक्शन लिया गया। दिल्ली पुलिस‍ पहलवानों को हिरासत में ले लिया और जंतर-मंतर से उनका स सामान उठा दिया गया। पहलवान भारतीय कुश्ती महा (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

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