आपको बतादें की देश में हो रही पशु चारे की किल्लत के चलते अब सरकार इस कमी को पुरा करने के लिए कुछ अहम कदम उठाने के लिए जा रही है. जिसके लिए सरकार ने मत्सयपालन, पशु पालन, डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला को हाल ही में पशु चारे की कमी को पूरा करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है.
इसके साथ ही उन्होनंें बताया है की एक तरफ किसाना अपनी फसलों की पराली को नही जला रहे है. जिसके साथ ही उन्हें चारे की दिक्कत का भी सामना करना पड़ रहा है. जिसके लिए सरकार ने इस दिक्कत का समाधान ढूंढने के लिए काम करने को कहा है. जिससे की इन दोने परेशानियों पर गौर किया जा सके. सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के जारी किए गए एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रूपाला ने हाल ही में बताया है की इस समय में किसान पशु चारे की किल्लत से जूझ रहे है. जिसके लिए उन्होनंें नए तरीकों से और बड़े पैमाने पर पशु चारे की इस किल्लत को दूर करने के लिए कदम उठाने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही उन्होनंे बताया है की पशुचारे के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए जौर देना होगा जिससे की आने वाले समय में दूध की कीमतों में प्रभाव ना आंए.
चारे की कीमत का प्रभाव दूध पर
साथ में ही उन्होनें बताया है की जैसे ही पशुचारे की कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो ऐसे में इसका सीधा प्रभाव दूध की कीमतों पर देखने को मिल सकता है. बतादें की एक साल में हरे चारे को लेकर देश में 12.15 प्रतिशत और सुखे चारे को लेकर 25 से 26 प्रतिशत तक की किल्लत देखने केा मिलती है. ऐसा ज्यादातर मौसम और क्षेत्रीय कारकों के कारण देखनें को मिलता है.





