डॉक्टर सलाह देते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को 7 से आठ घंटे जरूर सोना चाहिए. इससे अधिक सोना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है। मोटापा होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, कम सोने पर मेंटल सिकनेस हो जाती है। मानसिक स्वास्थ्य का सही ढंग से विकास नहीं हो पाता है। व्यस्कों में नींद की कमी का मतलब है रात को 7 से 8 घंटे की नींद न लेना। जिसकी वजह से दिन में बहुत ज्यादा नींद आती है, मूड चिड़चिड़ा व उदास रहता है और याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।
नींद की कमी से हो सकती है थकान
नींद में कमी से एक्टिव कॉग्निटिव प्रोसेस में गड़बड़ी पैदा हो जाती है। वो दिन भर थका हुआ फील करते हैं। कोई काम करने का दिल नहीं करता और न ही जो काम कर रहे होते हैं, उसे भी बहुत ज्यादा देर तक कर पाते हैं। दिन भर बस लेटे रहने का दिल करता है।
सिकुड़ जाती हैं दिमाग की नसें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्थ्य नींद को लेकर स्वीडन में एक स्टडी की गई. स्टडी में सामने आया कि जो लोग रात को 5 घंटे से कम सोते हैं. उन्हें पेरीफेरल आर्टरी डिजीज होने काखतरा 74 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. एक और भयानक आंकड़ा सामने आया कि दुनियाभर में करीब 200 मिलियन लोग पेरीफेरल आर्टरी डिजीज से पीड़ित हैं।
बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल।
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि नींद की कमी कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है उन्हीं में से एक है हाई ब्लड शुगर लेवल। जो बहुत ही खराब और लाइफस्टाइल की गड़बड़ियों से होने वाली बीमारी है। जो लोग रात में देर तक जागते हैं या ठीक तरीके से सो नहीं पाते उनका ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है।
ब्रेन फॉग
नींद पूरी न होने से ब्रेन फॉग की प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसके अलावा क्रिएटिविटी में कमी, उदासी, उलझन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। सही तरीके से नींद न लेने से काम पर फोकस करने में दिक्कत हो सकती है।
मोटापा
पर्याप्त नींद न लेने पर आपका वजन भी बढ़ सकता है। दरअसल, एक स्टडी में यह पाया गया है कि जो लोग हर रात 5 घंटे से कम सोते थे, उनका वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है।