बतादें की जब भी हम कोई न्यू कार या फिर पुरानी इस्तेमाल हुई कार को खरीदने के लिए जाते है तो ऐेसे में हमारा उस कार की टेस्ट ड्राइव लेना बेहद जरूरी हो जाता है. जिससे की ग्राहक को कार की कमी के बारे में और कार का थोड़ा सा एक्सपीरियंस हो जाए. आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है की आपको कैसे उस कार को टेस्ट करना है जिस कार को आप खरीदने के लिए जा रहे है. तो चलिए जानते है.
टेस्ट ड्राइव की प्रक्रिया
सबसे पहले आपने गाड़ी के माॅडल और वेरिएंट को शाॅर्टलिस्ट कर लेना है. इसके बाद आपने अपने बजट को सेट कर लेना है जिन सुविधाओं और विशेषताओं की आपको तलाश है उनके बारें में एक बार सोचें फिर उसी के हिसाब से अपनी कार को सिलेक्ट करंें. आपको इस बात की पूरी कोशिश करनी है की आप कम कारों के बीच में ही अपनी कार को सिलेक्ट करलें. इसके बाद आपने अपने सबसे पास वाले कार निर्माता शोरूम या फिर टचप्वाइंट और वेबसाइट पर जाना है.जहां आपने अपने नाम, नंबर और ईमेल को फिल करके आप टेस्ट ड्राइव के रजिस्टर कर सकते है.
अपने राज्य और जिले के पास वाले डीलरशिप स्टोर को चुनें और इसके बाद बुकिंग के बाद से डिलर की तरफ से एक प्रतिनिधी आपको काॅल करेगर जिसके बाद से आपकी टेस्ट ड्राइव अरेंज कर दी जाएगी.
ऐसे करें टेस्ट
बतादें की जब भी आप कार को टेस्ट करने जा रहे है तो इस बात का ध्यान जरूर रखें की कार का पुश बटन, कम्पार्टमेंट, म्यूजिक सिस्टम, वाइपर, वेंट, लेग रूम, बूट स्पेस, डायमेंशन, हेड रूम, और क्वालिटी सभी चीजे आपके हिसाब से बेहतर हो.
कार के व्हीलस की अच्छे से जांच करें और स्टीयरिंग व्हील को अच्छे से टेस्ट करें. सीट और विजिबिलिटी ये सभी बातों का आपको ध्यान रखना होगा.