प्रकृति से छेड़छाड़ की वजह से 70 हजार से अधिक अबादी वाले एक शहर पर धरती में समा जाने का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चेतावानी दी है कि आने वाले कुछ सालों में इस शहर का अस्तित्व मिट जाएगा. वनों की कटाई की वजह से यहां की धरती खोखली हो गई है. इस वजह से लगातार भूस्खलन हो रहा है और जगह-जगह विशालकाय गड्ढे बनते जा रहे हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं 1994 में बसाए गए ब्राजील के उत्तर-पूर्व में स्थित बुरिटिकुपु शहर (Buriticupu City) की, जहां करीब 73000 लोग रहते हैं. लेकिन इस शहर के आसपास पिछले कुछ वर्षों में वनों की इस कदर कटाई हुई कि उसने धरती को खोखला बना दिया. इसी का परिणाम है कि लगातार यहां भूस्खलन देखने को मिल रहा है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में शहर धरती में समा जाएगा.
विशालकाय गड्ढे बनते जा रहे हैं।
डेली मेल के मुताबिक, हाल ही में बुरिटिकुपु शहर के एकदम करीब अचानक धरती फट गई और 230 फीट (70 मीटर) का गहरा गड्डा बन गया. गड्डा इतना बड़ा था कि उसमें दर्जनों घर समा जाएं. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी सामने आईं.
हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. अब तक यहां 978 फीट (298 मीटर) से अधिक के करीब 25 गड्ढे हो चुके हैं. ऐसे में मौजूदा हालातों को देखते हुए पर्यावरणविदों ने चेताया है कि अगर अभी भी नहीं संभले तो आने वाले 30-40 सालों में धरती पूरे शहर को निगल लेगी. वहीं, हालात को देखते हुए सरकार ने इसे ‘सार्वजनिक आपदा’ घोषित कर दिया है.
बताया गया कि वनों की कटाई की वजह से बुरिटिकुपु की मिट्टी पानी को नहीं रोक पा रही है. मिट्टी शुष्क होकर कमजोर होती जा रही है और भूस्खलन का कारण बन रही है. इस साल हुई भारी बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है. काफी हद तक बिना प्लानिंग के शहर को बसाना भी इसके लिए जिम्मेदार है.
ब्राजील में वनों की कटाई ने अमेज़न वर्षावन के लिए सूखे, आग और भूस्खलन से उबरना कठिन बना दिया है. समस्या बद से बदतर होती जा रही है. पिछले साल के पहले 6 महीनों में न्यूयॉर्क शहर के आकार के पांच गुना क्षेत्र को साफ कर दिया गया है. इसी दौरान सबसे ज्यादा वनों की कटाई हुई.
पर्यावरणविद ऑगस्टो ने बताया कि बीते 10 वर्षों में शहर के 50 से ज्यादा घर धरती में समा चुके हैं. करीब 41% वनों की कटाई हो चुकी है, बावजूद इसके कोई लगाम नहीं लग रही. कथित तौर पर अब तक 7 लोगों की मौत भी चुकी है.