दिल्ली सरकार ने किया बजट पेश।।

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इस बार का आम बजट चुनावी मौसम में आया है।।
माना जा रहा है कई राज्यों का बजट में खास ध्यान रख रहे हैं। कुछ लोकलुभावन घोषणाएं भी हो रही। ऐसा पहले हो भी चुका है। सवाल ये है कि चुनाव में इसका फायदा कितना मिलता है।

राज्य सरकार का बजट कैसा होता है ?

देश के अलग-अलग राज्यों की सरकारें भी हर साल अपना सालाना बजट पेश करती हैं. केंद्र सरकार की तरह ही इस बजट में अगले वित्त वर्ष में राज्य सरकार के आय और व्यय का अनुमान बताया जाता है. हर राज्य सरकार के राजस्व जुटाने के अलग-अलग स्रोत होते हैं, इतना ही योजनाओं पर होने वाला खर्च भी अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग योजनाओं के हिसाब से बदलता है. ये बजट भी केंद्र सरकार की तरह 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक के लिए मान्य होता है.

अगर मोटा-मोटी देखा जाए, तो केंद्र और राज्य सरकार के बजट में कोई खास अंतर नहीं होता है. सिवाय कर जुटाने के तौर तरीकों में. जैसे केंद्र सरकार लोगों से आयकर के तौर पर प्रत्यक्ष कर वसूल करती है, वहीं राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती. इसी तरह राज्य सरकार की आय का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के साथ राजस्व बंटवारे के तहत आता है.

दिल्‍ली सरकार का बजट बुधवार को पेश किया गया। वित्‍त मंत्री कैलाश गहलोत ने 2023-23 के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। दिल्‍ली में 29 नए फ्लाईओवर/ब्रिज/अंडरपास बनाए जाएंगे। तीन नए डबल डेकर फ्लाईआवर भी बनेंगे। ये प्रोजेक्‍ट अगले साल नहीं, 10 साल में पूरे होंगे। आनंद विहार और सराय काले खां में वर्ल्‍ड क्‍लास ISBT बनेगा। इसके अलावा द्वारका में भी ISBT डिवेलप किया जाएगा। पीडब्‍ल्‍यूडी के पूरे रोड नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा। गहलोत ने बताया कि दिल्‍ली की अर्थव्‍यवस्‍था प्री-कोविड वाले दौर में पहुंच रही है। 2022-23 में GDSP का ग्रोथ रेट 9% से ज्‍यादा रहने का अनुमान है। बजट भाषण के बीच गहलोत ने शेर पढ़ा, ‘जो कामयाबी हासिल करने का जुनून रखते हैं, वो समंदर पर भी पत्‍थर का दिल बनाना जानते हैं

वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा दिल्ली विधानसभा में बजट पेश किया गया। विधानसभा के पटल पर बजट पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया बजट पेश करते तो उन्‍हें खुशी होती। गहलोत ने अपने बजट भाषण में आम आदमी पार्टी के गवर्नेंस मॉडल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जनता के सपनों को पूरा करना, उन्‍हें मुफ्त बिजली-पानी और बढ़‍िया शिक्षा देना ही दिल्‍ली मॉडल का मतलब है।

गहलोत ने बजट में शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में दिल्‍ली सरकार ने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचागत विकास की कई परियोजनाओं को पूरा किया है। सिग्‍नेचर ब्रिज, सराय काले खां और INA को जोड़ने वाले बारापुला फ्लाईओवर का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि इससे दिल्‍ली का चेहरा बदल गया है।

दिल्ली में अभी देशभर में सबसे ज्यादा न्यूनतम मज़दूरी है. कोरोना के दौरान तीन लाख निर्माण मजदूरों को 258 करोड़ की राशि दी गई. 
-निर्माण मजदूरों के लिए दिल्ली सरकार शिक्षा लाभ, स्वास्थ्य लाभ आदि चला रही है. इस साल चार नई योजनाओं की शुरुआत हो रही है.
-कौशल विकास के तहत दो लाख निर्माण मजदूरों को साइट पर ही ट्रेनिंग दी जाएगी.
-मजदूरों को निःशुल्क टूल किट दिए जाएंगे.
-साइट पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी.
-बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा होगी.
ट्रांस्पोर्ट के लिए 9333 करोड़ के बजट का प्रावधान 
-दिल्ली में अभी एक लाख चार हजार EV रजिस्टर्ड हैं. कुल गाड़ियों में 16.7 फ़ीसदी EV हैं. दिल्ली सरकार अब तक 145 करोड़ EV सब्सिडी दे चुकी है. 
-दिल्ली में ट्रांसपोर्ट की 45 सेवाएं फेसलेस हैं.
बजट में और भी कई महत्वपूर्ण बिंदु पर बात की गई।।

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