भारत की सड़को पर दौड़ रहे इलेक्ट्रिक वाहन की संख्या में सबसे ज्यादा तिपहिया इलेक्ट्रिक के वाहन नजर आते है.इनका इस्तेमाल ना केवल पैसेंजर व्हीकलस के लिए बल्कि कॉमर्शियल व्हीकलस के रूप में भी किया जाता है. तिपहिया इलेक्ट्रिक की मांग के चलते कंपनी ने व्हीकलस पर 50 फीसदी तक की फेम सब्सिडी किए जाने की आश लगाई है और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के मैन्यूफैक्चरर्स ने ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी को 50 फीसदी तक बढ़ाया है.
दरअसल 2021 में जब सरकार ने 15,000 प्रति kWh इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाई थी जिसके चलते टू व्हीलरस की बिक्री काफी तेजी से हुई थी.अगर इस बार मैन्यूफैक्चरर्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर 50 फीसदी सब्सिडी कर दी तो इससे
वाहनों की कीमत में भी कटौती आएगी.निर्माताओं का कहना है की सब्सिडी की मदद से उन्हे बेहतर फायदा हो सकता है.
kWh या किलोवाट इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी को दिखाता है, क्योंकि इन व्हीकलस में बैटरी के हिसाब से सब्सिडी को तय किया जाता है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मुख्य कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक, बजाज ऑटो, काइनेटिक ग्रीन, पियाजियो और यूलर मोटर्स का नाम है शामिल.