उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच युद्ध के आसार फिर से बनने लगे हैं. दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है. इस बीच शनिवार को उत्तरी कोरिया ने दावा किया है कि उसके लगभग 800,000 नागरिकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ लड़ने के लिए देश की सेना में शामिल होने के लिए भाग लिया है। उत्तर कोरिया के एक समाचार रोडोंग सिनमुन अखबार ने बताया कि लगभग 800,000 छात्रों और श्रमिकों ने सिर्फ शुक्रवार को ही देश भर में संयुक्त राज्य अमेरिका का मुकाबला करने के लिए सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई है।
उत्तर कोरिया ने लॅान्च किया आईसीबीएम
गुरुवार को उत्तर कोरिया ने ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किया था। बता दें कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया के चल रहे सैन्य अभ्यास के जवाब में मिसाइल लॅान्च करने का फैसला किया था। एक हफ्ते के अंदर उत्तर कोरिया ने तीन बैलिस्टिक मिसाइलें लॅान्च की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और लॉन्च ने सियोल, वाशिंगटन और टोक्यो में सरकारों से निंदा की है। उधर, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने इस तनाव के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया को जिम्मेदार ठहराया।
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे युद्ध अभ्यास को उकसावे वाली गतिविधि बताई। कहा है कि ‘दोनों देश बड़े पैमाने पर आक्रामक युद्धाभ्यास का आयोजन कर उसे उकसा रहे हैं।’ बता दें कि उत्तर कोरिया ने ह्वसोंगफो-17 नाम की आईसीबीएम मिसाइल का परीक्षण किया है।
क्यों है अमेरिका और उत्तर कोरिया में विवाद।
उत्तरी कोरिया और दक्षिण कोरिया के मध्य एक बहुत गहरा तनाव चलता रहा है. इन दोनों देशों में ऐतिहासिक युद्ध भी हुआ है, अतः यहाँ पर दक्षिण कोरिया का जापान और अमेरिका से सम्बन्ध को सीधे रूप से समझा जा सकता है. द्वीतीय विश्वयुद्ध के बाद कोरिया दो भागों में बट गया था. इस समय उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण करके अपने अधीन करना चाहा था. इस युद्ध में अमेरिका ने दक्षिणी कोरिया का साथ दिया तो इस वजह से दक्षिणी कोरिया का सम्बन्ध अमेरिका के साथ अच्छा हो गया, और तब से उत्तरी कोरिया और अमेरिका के बीच विरोध और भी बढ़ता गया.