ग्वालियर में पहले दिन डाक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गईं। इलाज के अभाव में मरीज कराहते और स्वजन डाक्टरों को खोजते नजर आए। पिछले 24 घंटे में जेएएच में 19 मरीजों की मौत हुई है। मौतों पर डीन अक्षय निगम का कहना है, रोजाना इलाज के दौरान औसतन इतने ही मरीजों की मौत हो जाती है। लापरवाही नहीं हुई है। हड़ताल के दौरान बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की रही, जो इलाज के लिए भटकते नजर आए। कई मरीज मजबूरी में बिना इलाज वापस लौटे। जिला अस्पताल और जेएएच में 100 से अधिक आपरेशन टाल दिए गए। इमरजेंसी में मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। व्यवस्था बनाने कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, डीन, जेएएच अधीक्षक भ्रमण पर रहे।
हड़ताल के चलते टाल दिए आपरेशन।
हड़ताल के चलते जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर, नाक-कान, गला रोग विभाग, नेत्ररोग विभाग, आर्थो विभाग, सर्जरी विभाग में बुधवार को आपरेशन नहीं किए गए। कमलाराजा अस्पताल के गायनिक विभाग में इमरजेंसी में पांच गर्भवती महिलाओं की सर्जरी कर डिलेवरी कराई गई। 24घंटे में जेएएच में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 70 से 80 आपरेशन होते हैं। जिला अस्पताल में रोजाना 10 आपरेशन होते हैं। बुधवार को दिन में एक भी नहीं हुआ। इसी तरह से सिविल अस्पताल में भी ओटी बंद रही। जेएएच में बुधवार को अल्ट्रासाउंड 204, एक्सरे 411, सीटी 27, एमआरआइ 9 और 350 मरीजों की रक्त की जांच हुई। 24 डिलीवरी हुईं।
संविदा कर्मचारियों के साथ संविदा में पदस्थ डाक्टर भी हड़ताल पर रहे। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 16 दिन से हड़ताल पर हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष धर्मवीर शुक्ला ने कहा कर्मचारी से लेकर डाक्टर तक हड़ताल पर हैं। इसके बाद भी सरकार सुनवाई नहीं कर रही और मरीज परेशान हैं। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती हड़ताल जारी रहेगी। शासन के खिलाफ आठ मई को भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से संविदा स्वास्थ्य कर्मी भाग लेंगे। धरना प्रदर्शन में जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय भार्गव, दत्तात्रेय कद्रे, एमएस खान, अखिलेश जैन, एपीएम राहुल सिकरवार, सोनू मरैया, संजीव सिकरवार मौजूद रहे।
पहले पैरों में रखा सिर, फिर लगाया जाम ।
पुरानी छावनी जम्हार गांव के रहने वाले ओमी बाथम के बेटे नरेन्द्र की मंगलवार को जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। पुलिस ने पीएम के लिए शव हजार बिस्तर के पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया था। डाक्टरों ने हड़ताल के चलते पोस्टमार्टम नहीं किया। मृतक के भाई जितेन्द्र का कहना था चचेरी बहन की गुरुवार को बरात आनी है। उससे पहले अंतिम संस्कार कराना है। डाक्टर पोस्टमार्टम करने के लिए तैयार नहीं हैं। शव लौटा भी नहीं रहे हैं। उनके पैरों में सिर तक रखा। डाक्टर बोल रहें हैं सरकार नहीं सुन रही तो हम क्यों सुनें। इसके बाद स्वजन ने जाम लगा दिया। जाम के बाद डाक्टरों ने दो दिन से रखे तीन शव का पोस्टमार्टम किया। इस बीच आम आदमी पार्टी की रुचि गुप्ता भी मौके पर पहुंचीं।
इलाज के इंतजार में कराहती रहीं।
ग्वालियर निवासी 55 वर्षीय गौकरण मांझी को पैरालायसिस है। पत्नी उन्हें इलाज के लिए लेकर आई थी। हड़ताल से इन्हें इलाज नहीं मिला। पत्नी डाक्टरों को खोजती रही। महोबा उत्तरप्रदेश से लीलावती देवी इलाज के लिए आईं थीं, लेकिन वे भी इलाज के इंतजार में जमीन पर पड़ी रहीं।
मरीजों को यहां किया रेफर।
जिला अस्पताल से गंभीर पांच मरीजों को बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें गर्भवती, सर्जरी, मेडिसिन, ट्रामा, चौथा आर्थोपेडिक मरीज है। हादसे में घायल थाठीपुर निवासी शेरसिंह को परिवार अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आयुर्वेद, इंटर्न, पीजी डाक्टर ने ओपीडी, आइपीडी और इमरजेंसी को संभाला है। एक मरीज को रेफर किया है। 1494 मरीजों को परामर्श मिला। हर किसी की जांच हुई है। थोड़ी बहुत परेशानी तो होती ही है, लेकिन सबकुछ ठीक रहा।