रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस रिटेल ने जियो मार्ट से 700 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईशा अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस रिटेल ने जर्मनी की खुदरा कंपनी मेट्रो एजी के भारतीय थोक कारोबार इकाई के 2,700 करोड़ रुपये में अधिग्रहण के बाद उसके एकीकरण में जुटी है। दावा है कि रिलायंस मुख्य रूप से इस प्लेटफॉर्म के जरिये अपना मुनाफा बढ़ाना चाहती है। साथ ही, अपने खर्च में कटौती करना चाहती है। इसलिए, वह इतने बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही है।
कर्मचारियों को प्रदर्शन में सुधार करने के लिए कहा गया
सैकड़ों कर्मचारियों को प्रदर्शन में सुधार करने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं कंपनी सेल्स टीम में काम करने वाले कई लोगों को मासिक वेतन से कमीशन आधारित मॉडल अपनाने को कहा है। इस तरह की प्रक्रिया में कर्मचारियों को बिक्री के प्रदर्शन के आधार पर वेतन मिलता है। रिलायंस रिटेल में लगभग चार लाख कर्मचारी हैं।
आईटी क्षेत्र में 60,000 कामगारों की नौकरी गई
देश के आईटी क्षेत्र से 2022-23 में ठेके पर काम करने वाले 60,000 कामगारों की नौकरी चली गई है। हालांकि, विनिर्माण, लॉजिस्टिक और खुदरा में भर्तियों की मांग बनी हुई है। डीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी सेक्टर में पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में नौकरियों में 27 फीसदी की गिरावट आई है। इस साल 696 टेक कंपनियां नौकरियों में कटौती करेंगी।
मेट्रो के कर्मचारियों को रिलायंस रिटेल में किया गया था ट्रांसफर
अधिग्रहण के बाद मेट्रो के कर्मचारियों को रिलायंस रिटेल में ट्रांसफर कर दिया गया था और कई अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज में परिवर्तन कर दिया गया था। रिलायंस रिटेल ने अपने खुदरा कारोबार के दूसरे कार्यक्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों की भूमिका की समीक्षा भी शुरू कर दी है।