ऐसी बहुत सी कंपनियां भारत के बाजार में मौजुद है जिनका इतिहास काफी ज्यादा पुराना है. ऐसे में आज यहां हम आपको बताएगें NISSAN कंपनी के इतिहास के बारे में. जून 1934 में इस कंपनी की शुरूआत जापान के टोक्यों शहर में की गई थी. आइए जानते है इस कंपनी का अब तक का सफर, ये रही पूरी डिटेल्स
आपको बतादेंकी 1 जून 1934 में टोक्यो बेस्ड जिदोशा.सीज़ो काबुशिकी.कैशा ने NISSAN MOTORS कपंनी का नाम पहली बार लिया था. बतादें की जिदोशा.सीज़ो काबुशिकी.कैशा ने को साल 1933 दिसंबर में स्थापित किया गया था. कंपनी के लिए नया नाम साल 1934 में चुना गया था. इसके साथ ही साल 1935 में इस कंपनी ने योकोहामा प्लांट में अपने सबसे पहले वाहन को बनाया था. जिसका नाम कंपनी ने डैटसन रखा.
बतादें की ये एक काफी छोटा बाॅक्स के आकार का एक वाहन था जिसें जापान की Auto कंपनी पायनियर मासुजिरो हाशिमोटो ने डिजाइन किया था. साल 1935 में कंपनी ने Australia के साथ अपनी कारों का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू किया. आपको बतादें की दूसरे विश्व युद्व के बाद से निस्सान कंपनी पूरी तरह से छोटी वाहन निर्माता कंपनी और ट्रकों और सैन्यों वाहनों का निर्माण करने लगी.
17 देशों में बिकती है निस्सान की कार
आपको बतादें की अपने मित्र देशों के साथ साल 1945 में कंपनी ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कार्यों को अपने कब्जे में कर लिया था. इसके साथ ही साल 1960 में ये कंपनी पहली उेसी जापानी कंपनी बन गई जिसनें इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के लिए डेमिंग पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया. साल 1959 में ब्लूबर्ड, 1960 में सेड्रिक और साल 1966 में कंपनी सनी जैसे माॅडल की पेशकश कर विदेशों के साथ कंपनी की बिक्री को बढ़ानें में मदद की. 1960 के दशक के बाद से कंपनी ने एक बेहतर सफलता पा ली थी. जिसके बाद से कंपनी तकरीबन 17 देशों में अपने कारोबार को फैला चुकी है.