पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। बताया जा रहा है कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है जिसके चलते सरकारी और निजी अस्पतालों पीडियाट्रिक वार्ड तेजी से भर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 5 बच्चों की मौत हो गई जिसमें से सिर्फ 2 बच्चों में इस बीमारी की पुष्टि हुई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस की वजह से अब तक 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से आठ ऐसे थे, जो पहले से किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे थे।
क्या है एडिनोवायरस ?
एडेनोवायरस वायरस, आईकोसोहेड्रल वायरस हैं जिसे डबल डीएनए वाला वायरस बोला जाता है। इतना ही नहीं ये 50 प्रकार के होते हैं और इंसानों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। एडेनोवायरस, सतहों पर रहते हैं जैसे कि डोरनॉब्स, ऑब्जेक्ट्स और स्विमिंग पूल और छोटी झीलों का पानी। ध्यान देने वाली बात ये है कि एडेनोवायरस सबसे अधिक श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है और निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसे लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है।
एडिनोवायरस इन्फेक्शन एक वायरल बीमारी है जो एडिनोवायरस की वजह से होती है. ये रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी सांस की नली पर हमला करता है. इससे संक्रमित होने आम कोल्ड जैसा संक्रमण होता है.
एडिनोवायरस के लक्षण।
जुकाम
बुखार
सांस की नली में सूजन
निमोनिया
कंजंक्टिवाइटिस
मूत्राशय का संक्रमण
मैनिंजाइटिस और एन्सेफलाइटिस
एडेनोवायरस किसे हो सकता है
एडेनोवायरस सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन इसकी चपेट में 5 साल से छोटे बच्चे आसानी से आते हैं। इसकी वजह यह है कि शिशु और बच्चे एक दूसरे के निकट संपर्क में आते हैं। वे अपने मुंह में वस्तुओं को डालते हैं और बार-बार हाथ नहीं धोते हैं। कोरोना वायरस की तरह यह वायरस भी भीड़ वाली जगहों पर जल्दी से प्रसारित होता है। इसके अलावा जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, उन्हें भी इसका अधिक खतरा होता है।
कैसे फैलता है ये वायरस?
यह वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने, हवा के जरिए, मल के जरिए, पानी के जरिए और किसी वस्तु के जरिए फैल सकता है। बच्चों में मल, दूषित पानी, गंदे डायपर और गंदे हाथों से ये इंफेक्शन तेजी से फैल सकता है। साथ ही स्विमिंग पूल, दूषित पानी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये फैल सकता है।