राजधानी जयपुर में सचिवालय से चंद कदम दूर 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा का काला धन मिलने का मामला बेहद सुर्खियों में है. खास बात यह है कि जिस दिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया, उसी दिन योजना भवन स्थित सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) दफ्तर में रखी अलमारी से यह राशि बरामद की गई.
2000की नोटबंदी के ऐलान के बाद इतनी बड़ी राशि का मिलना सभी को आश्चर्यचकित कर रहा है।
अब इस पर राजस्थान सरकार घेरे में हैं।
इस पर राजनीति भी शुरू हो गई हैं
गजेंद्र सिंह शेखावत ने ली चुटकी
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार की चुटकी लेते हुए कहा कि विकास में लगातार नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार में किस ऊंचाई पर पहुंच गया है, यह उसी का सबूत है. शेखावत ने ट्वीट कर कहा, “गहलोत सरकार का पेट काला धन निगलते-निगलते ऊपर तक भर गया है इसलिए आज सचिवालय ने करोड़ों की नकदी और सोना उगल दिया. विकास में निरंतर नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार किस ऊंचाई पर पहुंच गया है, ये उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. सरकारी लीपापोती जारी है लेकिन जनता से कुछ छिपता नहीं है.
अलमारी में मिली इस रकम में 2000 के 7,298 नोट यानी एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपये शामिल थे. इसके अलावा, 500 के 17 हजार 107 नोट मिले, जिनका मूल्य 85 लाख 53 हजार 500 रुपये है. साथ ही एक किलो वजनी सोने की एक सिल्ली भी मिली. सिल्ली पर ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ लिखा हुआ था. सोने की कीमत बाजार भाव के अनुसार करीब 62 लाख रुपये आंकी जा रही है.
अलमारी की चाभी खोने से खुला राज
दरअसल, इस विभाग में दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया चल रही है. इसी दौरान शुक्रवार को विभाग के दफ्तर में रखी एक अलमारी की चाभी नहीं मिल रही थी. यह देख DoIT के अधिकारियों ने टेक्नीशियन को बुलाकर लॉक तुड़वा दिया. गेट खुलने पर अलमारी में उन्होंने फाइलों के अलावा एक संदिग्ध बैग रखा देखा. इसकी सूचना DoIT के एक अतिरिक्त निदेशक की तरफ से पुलिस को दी गई.
इस बीच, पुलिस विभाग के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और अधिकारियों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मामले की पूरी अपडेट पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहे हैं. इस पूरे मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है.
सचिवालय तक पहुंच गई भ्रष्टाचार की गंगोत्री: राजेंद्र राठौड़
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई. राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी बैठकर शासन चलाते हैं, वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में हैं.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 2 हजार के नोट को चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री जी आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय 2 हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है ? राठौड़ ने कहा कि आनन फानन में अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईटी, ईडी और एसीबी जैसे विभागों का कोई अधिकारी शामिल नहीं, आखिर माजरा क्या है?