जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमला।भारतीय सेना के 5 जवानों की मौत

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना की गाड़ी पर आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बाटा-डोरिया क्षेत्र के घने जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है. इस आतंकी हमले में गाड़ी में सवार भारतीय सेना के 5 जवानों की मौत हो गई और एक घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

केमिकल का प्रयोग होने की आशंका जताई

जंगलों के आसपास लोगों के घरों में भी सेना पूछताछ कर रही है। वीरवार की घटना में आतंकियों और ओजीडब्ल्यू की ओर से स्टिकी बम अथवा किसी अन्य केमिकल का प्रयोग होने की आशंका जताई जा रही है।

राजोरी और पुंछ सीमा से सटे भाटादूड़ियां क्षेत्र में वीरवार को हुए आतंकी के बाद सेना ने हरकत में आते हुए राजोरी के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर बाद जैसे ही सेना के वाहन पर आतंकी हमला हुआ, सेना के जवानों ने बीजी और मंजाकोट से सटे जंगली इलाकों में चप्पे-चप्पे को खंगालना शुरू कर दिया।

सेना ने मंजाकोट के जंगली इलाके जो कि थन्नामंडी और शाहदरा शरीफ से मिलते हैं, और मुगलरोड से कश्मीर घाटी के साथ जुड़ते हैं, वहां जगह-जगह नाके लगाकर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। कोशिश है कि यदि आतंकवादी मंजाकोट और थन्नामंडी के जंगलों में हैं तो वह घाटी की ओर न जा सकें, और उन्हें पहले ही ढेर कर दिया जाए।

सूत्रों बताते हैं कि सेना ने बड़े पैमाने पर जंगलों में दूर-दूर तक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जंगलों के आसपास लोगों के घरों में भी सेना पूछताछ कर रही है। वीरवार की घटना में आतंकियों और ओजीडब्ल्यू की ओर से स्टिकी बम अथवा किसी अन्य केमिकल का प्रयोग होने की आशंका जताई जा रही है।

जवानों को बाहर निकलने का मोका भी नहीं मिला।

जिस प्रकार सैन्य वाहन में आग लगी और एक भी जवान को जान बचा कर बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाया, उसमें केमिकल का इस्तेमाल किए जाने की आशंका है। हादसे से पहले सुनी बिजली कड़कने की आवाज : स्थानीय लोगों ने बताया, उन्होंने पहले आसमान में जोरदार बिजली कड़कने की आवाज सुनी। उसके बाद जोरदार धमाके की आवाज सुनी। कुछ ही क्षणों में इस बात का शोर सुना कि सेना के वाहन में आग लग गई है।

ये लोग हुए हमले का शिकार

सैन्य सूत्रों ने बताया कि हमले में सिपाही हरकिशन सिंह, कुलवंत सिंह, हवलदार मंदीप सिंह, सिपाही सेवक सिंह (सभी पंजाब), देबा आशीष बिस्वाल ओडिशा शहीद हुए हैं। सिपाही शक्तिवेल के को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

तस्वीरों में दिख रहे अधजले शव

घटनास्थल की तस्वीरों में वाहन में आग और सैनिकों की अधजले शव जमीन पर पड़े नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोग व सेना के जवान आग बुझाते दिख रहे हैं।

बीते साल भी मिली थी आतंकियों की सूचना

2022 में भी इस क्षेत्र के जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर तीन दिनों तक सुरक्षाबलों ने पुंछ-जम्मू मार्ग बंद कर आपरेशन चलाया था। हालांकि तब भी सुरक्षा बलों को कोई सफलता नहीं मिली थी।

इलाके में पहले भी जवानों पर हुआ हमला

जहां यह घटना हुई, उसी क्षेत्र में 14 अक्तूबर, 2021 को तलाशी अभियान चला रहे एक जेसीओ सहित चार जवानों पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें चारो शहीद हो गए थे। इसके बाद करीब एक माह तक क्षेत्र में सुरक्षाबलों का अभियान चला था, लेकिन एक भी आतंकी हाथ नहीं लगा था। तब एक महीने तक पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर जड़ांवाली गली व भिंबर गली के बीच यातायात बंद रखा गया था।

जी-20 की बैठक के मद्देनजर अलर्ट 

श्रीनगर में अगले महीने 22 से 24 मई के बीच जी-20 की बैठक को देखते हुए पुलिस ने सेना को सतर्क रहने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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