छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए 2100 फाइटर्स तैयार हो गए हैं। संभाग के सातों जिलों में इन फाइटर्स को जल्द ही तैनात किया जाएगा। अलग-अलग जिलों के प्रशिक्षण केंद्र में इनकी ट्रेनिंग पूरी हो गई है। इनमें 9 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। जगदलपुर में दीक्षांत परेड समारोह का भी आयोजन किया गया है।
जानिए क्या है बस्तर फाइटर्स?
बस्तर में स्थानीय युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए बस्तर फाइटर्स नाम की एक फोर्स का गठन किया गया है। संभाग के सातों जिलों से 2100 युवक-युवती की भर्ती हुई है। प्रत्येक जिले में 300-300 युवाओं की भर्ती की गई है। स्थानीय युवाओं की फोर्स में भर्ती होने से एक तरफ जहां इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं स्थानीय युवाओं के भर्ती होने से माओवाद की कमर टूटेगी।
बस्तर फाइटर्स में ट्रांसजेंडर तैनात
नक्सल मोर्चे पर पहली बार ट्रांसजेंडर की तैनात की जा रही है। जवानों को जंगलवार फेयर सहित अन्य ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वह नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अब इन कंपनियों की तैनाती बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित कैंपों में की जा रही है। ट्रांसजेंडरों को भी तैनात किया जा रहा है।
इसलिए मिलेगा फायदा
बस्तर में माओवादियों के खात्मे के लिए CRPF, STF, DRG, बस्तरिया बटालियन, BSF समेत अन्य फोर्स तैनात है। अगर DRG को छोड़ दिया जाए तो अमूमन अन्य फोर्स के लिए बस्तर की भौगोलिक परिस्थितियों को समझना थोड़ा कठिन होता है। DRG में स्थानीय युवक-युवतियों के भर्ती होने के बाद फोर्स और मजबूत हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब बस्तर फाइटर्स की एक नई टीम बनाई गई है।
नक्सलियों ने किया था विरोध
नक्सली लगातार बस्तर फाइटर्स फोर्स का विरोध भी किए थे। विरोध में माओवादियों ने नयानार के पास सड़क को 3 से 4 जगहों से काटा था। करीब 20 से 25 की संख्या में पहुंचे माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया था। सड़क काटने के बाद बैनर भी बांधे थे। बैनर में बस्तर फाइटर्स फोर्स के विरोध की बात लिखी थी। माओवादियों ने बैनर के माध्यम से कहा था कि आदिवासी युवाओं को अपने ही लोगों के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। बस्तर फाइटर्स फोर्स का बहिष्कार करने की लोगों से अपील की थी
इन जिलों में तैनात होंगे 300 जवान
बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और कोंडागांव में बस्तर फाइटर आरक्षक के 300-300 पद की स्वीकृति दी गई है। 2100 पदों पर नियुक्ति की गई है। इन जवानों को कानून एवं प्रक्रिया की जानकारी, अनुशासन, मानव अधिकारों की रक्षा, युद्ध कौशल, फील्ड क्राफ्ट, हथियारों का संचालन का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। ये जवान केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल, छसबल एवं जिला पुलिस बल के साथ-साथ नक्सल मोर्चे पर मजबूती से लड़ेंगे।