China Locking Mosques: आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अब चीन के अंदर मौजुद लगभग सभी मस्जिदों पर ताला लगांए जानें की प्रक्रिया मे काफी ज्यादा तेजी देखनें को मिल रही है. हाल ही में चीन के शिनजियांग प्रांत में मौजुद कम संख्या मुस्लिमों के लिए वहां पर अब उनके खिलाफ में एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में जब ह्यूमन राइट वॉच की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई, तो उसमें ये बताय गया है कि कैसे चीन में धार्मिक स्वतंत्रता को लोगों से छीना जा रहा है. इसके साथ् ही ये बात भी अब सामने आ चुकी है, कि शिनजियांग में मौजुद मुस्लिमों पर एक लंबे समय से विरोद्ध किया जा रहा है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां पर मौजुद मुस्लिमों की संख्या बेहद कम बताई जार रही है. जिनको लेकर के विरोद्ध की स्थिति बनी है.
चीन के कई प्रांतों में मस्जिदों पर लग रहे ताले
आपको बतादें, कि चीन के विभिन्न प्रांतों में इस समय मस्जिदों पर ताले लगांए जा रहे है. जिसमें एक गांसु प्रांत भी अब शामिल हो चुका है. बताया जा रहा है, कि इस प्रांत में एक बड़ी तादाद में मुसलमानों की संख्या मौजुद है. बात करें अगर मस्जिदों की तो ये मस्जिदें चित्रों, वास्तुकलाओं और तरह तरह के दस्तावेजों से बनी है. जिन्हें अब अधिकारिक तौर पर वहां से हटाया जा रहा है. इन मस्जिदों को बंद करने की जो वजह सामने आई है, वो यह है कि सरकार मुसलमानों को चीनी दिखानें की कोशिश में लगी हुई है. मस्जिदों पर ताले होंगे तो वे लोग अधिक चीनी लगेंगे. ऐसे में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी धर्म के नाम पर शासन कर एक धर्म का पूरी तरह से बंद करने की कोशिश में लगी हुई है. आपको बतादें, कि चीन के इस गांसु प्रांत में तकरबीन 1.1 करोड़ की संख्या में मुसलमान मौजुद है. इसके साथ ही आपको बतादें कि साल 2016 में जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पद ग्रहण किया था. तो उन्होनें साथ ही में इस बात का आह्वान किया था, वे चीन में मौजुद हर एक आस्था या धर्म को एक ही स्वरूप में ढ़ालेंगे. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी इस बारें में एक रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें ये बताया गया है कि कैसे चीन अलपसंख्यकों पर अत्याचार के जरिए उनसे उनका धार्मिक हक छीन रहा है.