आपको बतादें की पूरी दुनिया इस समय ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रही है. इसके लिउ जिस वस्तु की जरूरत है वह है लीथियम. जिसके बड़े बड़े भंड़ार लैटिन अमेरिका तीन देशों में पाए जाते है बताया जा रहा है की लैटिन अमेरिका में लीथियम के दुनिया में पाए जाने वाले लीथियम के आधा हिस्सा पाया जाता है. जिसके कारण अब सभी सरकारों की नजर लैटिन अमेरिका के इन लीथियम ट्रांयगल पर टिकी हुई है.
आने वाले समय में ऊर्जा को बढ़ाने और जरूरत इस खनिज पदार्थ की जरूरत होगी. साथ ही आपको बतादें की ये तत्व इलेक्ट्रिक कारों जिन बैटरियों की मदद से चलती है उन्हें भी इन्ही खनिज पदार्थो से बनाया जाता है. लीथियम का कारोबार दिन पे दिन बड़ता ही जा रहा है. बहुत से देश अब इस कारोंबार में हिस्सा ले रहे है. वही दुसरी तरफ चीन और अमेरिका जैसे बड़े देश भी अब इस पदार्थ को कब्जाने में लगे हुए है.
आपकों बतादें की थिकटैंक विल्सन सेंटर के लैटिन अमेरिका कार्यक्रम के निदेशक बिन्यामिन गेदन ने बताया की दुनिया इस समय नई ऊर्जा की तरफ आगे बढ़ रही है. जिसके लिए देशों को खनिज पदार्थो की जरूरत है. जिसके चलते बहुत से बड़े देशों में भी होड़ जारी है. आपकों बतादें की चीन इन खनिज पदार्थो के लिउ पहले से ही शुरूआत कर चुका है वही अमेरिका जहां पहने पिेछे था. अब अमेरिका भी इस दौड़ में शामिल हो चला है.
एक रिपोर्ट से ये पता चला है की चीन की दुनिया भर में फैली बड़ी कंपनियां कई सालों से इस सफेद सोना कहे जाने वाले पदार्थ की तलाश में है. जिसके लिउ चीन ने ऐसे देशों में भी इनवेस्ट कियस है जहां इस खनिज पदार्थ का 60 फीसदी पाया जाता है. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की एक रिपोर्ट से ये सामने आया है की पूरी दुनिया में 860 लाख टन के लीथियम के भंडार मौजुद है. जिसमें सबसे बड़ा भंडार बोलीविया में पाया जाता है.