आपको बतादें की चावलों के बढ़ते हुए दाम को कंट्रोल में लाने के लिए सरकार अब चावल के निर्यात पर बैन लगा रही है. इसके साथ ही आपकेा बतादें की सरकार पहले से ही गैर बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा चुकी है. घरेलू बाजार में चावल की कमी को पूरा करने के लिए साथ ही मार्केट में चावलों के बढ़ते हुए दामों को कम करने के लिए सरकार ने गैर बासमती चावलों के निर्यात पर बैन लगा दिया है. जिसके चलते सरकार ने ये कदम उठाया है.
आपकेा बतादें की घरेलू मार्केट में चावलों के दामों में बढ़ोतरी होनी संभावना ज्यादा है. इसके साथ ही आपको बतादें की पिछले साल से चावलों की कीमतों में 11.5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी और पिछले महीनें से 3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को नोटिस किया गया है. आपकेा बतादें की गैर बासमती चावलों की एक्स्पोर्ट पाॅलिसी पर 20 प्रतिशत तक के निर्यात शुल्क से हटाकर के निर्यात की श्रेणी ये हटा दिया गया है. इसके साथ ही आपकेा बतादें की गैर बासमती चावल, बासमती चावलों के निर्यात में किसी भी तरीके का कोई बदलाव नही किया गया है. बतादें की निर्यात की मदद से इंटरनेशनल मार्केट में किसानों को काफी ज्यादा फायदा होता है.
इस साल 2023-2024 मंे अप्रैल से जून तक के समय में इस किस्म के लगभग 15.54 लाख मीट्रिक टन चावल के निर्यात किया गया था. वहीं आपको बतादें की 2022-2023 में ये निर्यात 11.55 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया था. इसमें इस साल तकरीबन 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को दर्ज किया गया है.आपकेा बतादें की चावलों के उत्पादन में सबसे बढ़ी रूकावट अब खराब जलवायू की वजह से हो रही है.
कम हो सकते है चावल के दाम
आपको बतादें की चावल के कुल निर्यात में बासमती चावल का योगदान तकरीबन 25 प्रतिशत तक का ही है.जहां पर इस निर्यात पर रोक लगा दी गई है जिसके चलते अब घरेलू बाजार में उपभोक्ताआंें के लिए इसके दाम अब कम हो सकते है.