रिपोर्ट के मुताबिक ये जानकारी मिली है की केंद्र सरकार ने इस साल 342 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तैयार किया है जिसमें गेहूं कह?ा स्टाक लगभग तीन करोड़ टन तक हो सकता है. आपको बतादें की कोविड महामारी के आने के बाद से बेहूं की पैदावार का स्तर काफी हद तक नीचे गिर गया था. जो बीतें 6 वर्षों में सबसे कम रहा है. बताया जा रहा है की जनवरी 2021 में भारतीय खाद्य निगम के स्टाक में करीबन 3.18 करोड़ टन से भी ज्यादा गेहूं की मात्रा दर्ज की गई थी. जो आज के समय में 100 लाख टन से भी नीचे जा चुकी है. जिसके चलते केंद्र सरकार ने गेहूं के भंडार भरने के लिए काफी प्रयास किए है. साथ ही इस प्रयास की मदद से मंहगाई को भी कम किया जा सके.
आपको बतादें की इस साल की शुरूआत में गेहूं के दाम आसमान छूनें लगें थे जिसके चलते केंद्र सरकार ने कुछ उपाय किए. गेहूं की बढ़ते दामों में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई. जिसके साथ ही सरकार ने 50 लाख टन से ज्यादा गेहूं भारतीय खाद्य निगम के स्टाक से निकालकर बाजार में छोटे कारोबारियों को उपलब्ध कराया. जिसके कारण वश मार्च में बफर स्टाक मे भारी गिरावट को देखा गया. आपको बतादें की मार्च के अंत में गेहूं के स्टाक की मात्रा घटकर करीबन 84 लाख टन तक जा पहुंची. लेकिन इस उपाय से गेहूं के दामों को कम करने मं काफी हद तक सहारा मिला. बफर स्टाक की सीमा लगभग न्यूनतम सीमा 75 लाख तक की है. रिपोर्ट के अनुसार बताया गया की खुले बाजार में गेहूं को उपलब्ध कराने से पहले गेहूं की कीमत तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल से भी उपर थी. परंतु सरकार के ऐलान के बाद से ही गेहूं दामों में गिरावट आना शुरू हो गई थी.