साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को हरिद्वार में गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक ‘विसर्जित’ किए बिना वापस लौट आए। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवान ने ऐन वक्त पर इसे स्थगित कर दिया गया. किसान नेता नरेश टिकैत ने हर की पौड़ी पर पहुंचकर खिलाड़ियों को समझाया और उनसे 5 दिन का समय मांगा. इसके बाद खिलाड़ियों ने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिया. इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, अगर खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाना चाहते हैं तो मैं क्या कर सकता हूं.
बीजेपी सांसद ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, खिलाड़ी अपना मेडल गंगा जी में बहाने गए थे, लेकिन गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल (नरेश) टिकैत को दे दिया. यह उनका स्टैंड है. मैं क्या कर सकता हूं?
देर शाम मीडिया से बातचीत में बृजभूषण ने कहा, “आगे-आगे देखिए होता है क्या। जांच तो करने दीजिए, अब तो हमारे हाथ में कुछ नहीं है। अब तो मामला दिल्ली पुलिस के हाथ में है।” उन्होंने कहा, “पहलवानों के निवेदन पर ही एफआईआर हुई। अब जांच चल रही है। अब उसमें हम उनकी क्या मदद कर सकते हैं। अब आज मेडल फेंकने गई थीं गंगा जी में… अब गंगाजी के बजाय टिकैत को दे दिए.. उनका स्टैंड है, इसमें हम क्या कर सकते हैं।” इस्तीफा देने के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “हमारा तो कार्यकाल ही पूरा हो चुका है। अगर मैं गलत पाया जाता हूं तो गिरफ्तारी हो जाएगी, इसमें क्या दिक्कत है। “
इसके साथ ही सरकार को मामला सुलझाने के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया. वहीं, रेसलर्स के आंदोलन की गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है. रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन ने भी इस मामले में बयान जारी कर चेतावनी दी है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने आंदोलन कर रहे पहलवानों के हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 45 दिनों के अंदर भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव नहीं होते हैं तो डब्ल्यूएफआई को सस्पेंड किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो भारतीय एथलीट आगे के मैच देश के झंडे के साथ नहीं खेल पाएंगे. उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में न्यूट्रल झंडे के साथ उतरना होगा.