क्या दुनिया में बढ़ रही है बाझपन की समस्या

pregnency

WHO डब्लयूएचओ की एक रिपोर्ट से ये सामने आया है की दुनिया में 6 में से एक व्यकित ने इनफ़र्टिलिटी का एक्सपिरियंस किया है. आपको बतादें की ये एक ऐसी बिमारी है जिसमें दो लोग एक पुरूष और महिला लंबे समय के लिए असुरक्षित संबंध को बनाते है बावजुद उसके भी महिला गर्भवती नही हो पाती है. सामने आई एक रिपोर्ट से ये पता चलता है की पूरी दुनिया में 15 फीसदी तक लोग इनफ़र्टिलिटी का सामना करते है. जो की प्रजनन आयु में गिने जाते है. जानकारी के अनुसार 15 से 49 उम्र की महिलाएं प्रजनन आयु में आती है. वही पुरूषों के लिए डाॅक्टर का कहना है की 40 से 45 तक की उम्र में पुरूषों के शरीर में स्पर्म काउंट घटना शुरू हो जाते है. डब्लयूएचओ की एक रिचर्स से ये पता चला है की भारत में इनफ़र्टिलिटी रेट लगभग 3.9 से 16.8 प्रतिशत है. एक खबर के अनुसार ये पता चला है की भारत के अलग अलग राज्य में ये रेट बदला हुआ है. जैसे अगर उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो वहां इनफ़र्टिलिटी का रेट करीबन 3.7 प्रतिशत है वहीं आंध्र प्रदेश में ये रेट लगभग 5 प्रतिशत का है. ऐसे में कश्मीर में ये रेट 15 प्रतिशत तक है.

डाॅक्टर कर कहना है की इनफ़र्टिलिटी का प्रभाव सामाजिक और आर्थिक दोनों ही चीजों में बराबर का होता है. ये इनफ़र्टिलिटी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़तर ही जा रही है. इसके साथ ही डाॅक्टर ने बताया की पहले ये समस्या केवल महिलाओं में ही देखी जाती थी परंतु अब पुरूषों मे भी ये समस्या नजर आने लगी है. रिपोर्ट से ये सामने आया है की इस समस्या के लिए जागरूकता बढ़ी है परंतु पुरूष कभी इसके लिए सामनें नही आए. महिलाओं में संक्रमण के चलते ऐसी दिक्कते होती है. डाॅक्टर का कहना है की ं इनफ़र्टिलिटी के आज कल बहुत से कारण हो सकते है जैसे की हार्मोन का असंतुलन, लाइफ़स्टाइल, शराब या धुम्रपान या फिर प्रदूषण.

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