कोलकाता में रहने वाली और रोज सफर करने वाली कामकाजी महिलाओं को अब सफर में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे. कोलकाता सरकार ने महिलाओं का सफर अब आसान कर दिया है. आज से कोलकाता में महिला स्पेशल बसों का संचालन शुरू हो गया है. महिला स्पेशल बस सर्विस की पहल कोलकाता परिवहन विभाग के द्वारा की जा रही है. महिला स्पेशल बस में सिर्फ महिलाएं एवं लड़कियां ही सफर कर पाएंगी.
पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के परिवहन विभाग ने कामकाजी महिला और रोज सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अहम कदम उठाया है. कोलकाता में आज 25 जून से दो ‘महिला विशेष’ बसों को चलाया जाएगा. यह बस सर्विस महिलाओं की सुरक्षा एवं उन्हें भीड़ में महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी और असुविधाओं से बचने के लिए है शुरू की जा रही है. महिला विशेष बस के द्वारा महिलाओं की आने जाने में सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सकता है. इसकी जानकारी राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. अधिकारी के मुताबिक यह बसें दक्षिण और मध्य कोलकाता से गुजरते हुए हावड़ा स्टेशन से बालीगंज के लिए चलेगी. एक अधिकारी ने अपने बयान में बताया है कि बस सर्विस हावड़ा बांदेल लाइन के पास के जिलों के आने जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई है.
महिला की सुविधा के लिए महिला कंडक्टर
अधिकारी के अनुसार यह बस हावड़ा से सुबह 9:30 बजे से चलेगी और इन बसों में महिलाओं की सुविधा के लिए महिला कंडक्टर ही देखने के लिए मिलेंगी. इन बसों में धक्का मुक्की ना हो और सिर्फ महिला ही बस का उपयोग करें, इसके लिए चढ़ते वक्त ही फाटक पर यात्रियों की जांच की जाएगी. परिवहन मंत्री स्नेहसीश चक्रवर्ती के मौजूदगी में इस विशेष बस सेवा का उद्घाटन किया गया है. कोई भी पुरुष यात्री इस महिला विशेष बस में ना चढ़ सके इसीलिए इस बस पर बड़े-बड़े शब्दों में लेडीज़ स्पेशल लिखा गया है. अधिकारी के मुताबिक अभी सिर्फ दो दो महिला स्पेशल बस शुरू की जा रही है लेकिन आने वाले समय में वह और भी बस महिलाओं के लिए लेकर आने पर सोच -विचार कर सकते हैं.
महिलाओं के लिए अन्य बसों की तैयारी में सरकार
सियालदह स्टेशन से भी परिवहन विभाग महिलाओं के लिए स्पेशल बस चलाने की सोच रहा है. बालीगंज स्टेशन से दोपहर के समय भी महिला स्पेशल बस चलाने के सवाल पर अधिकारी ने विचार करे कर रहे हैं कहां. 2013 में चलाई गई महिला विशेष बसों को बंद कर दिया गया था. महिला स्पेशल बस सर्विस महिला सशक्तिकरण योजनाओं के अधीन है और इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षा देना है.