रोते रोते थककर जब एक बच्चा सो जाता है।
हाल हमारे दिल का अब कुछ ऐसा हो जाता है।
ये बात बिल्कुल सही है आरिफ का हाल आज ऐसा ही है वह बात करते-करते सड़क पर चलते-चलते काम करते-करते अपने दोस्त सारस को याद करते हुए रो देते हैं।
हां दोस्तों आरिफ और सारस की दोस्ती कुछ ऐसी ही थी
आपने इंसानों की गहरी दोस्ती के बारे में तो सुना होगा, लेकिन यहां कहानी एक पक्षी और इंसान की दोस्ती की है। जी हां, सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन यह सोलह आने सच है। यह कहानी आजकल अमेठी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। आइये अब हम आपको इस कहानी से रू-बरू कराते हैं।
मार्च का महीना। अमेठी जिले के जामो ब्लॉक का मंढका गांव। गांव निवासी तीस वर्षीय आरिफ रोज की तरह सुबह-सुबह अपने खेतों की ओर गए थे। खेत से कुछ दूर पहले ही आरिफ को एक सारस घायल अवस्था में पड़ा मिला। नजदीक पहुंचने पर असहाय सारस आरिफ की ओर मदद भरी नजरों से देखने लगा। उसका पैर टूटा था। आरिफ उसे अपने घर ले आए। यहां लाकर उसकी मरहम पट्टी की गई। अब यहीं से शुरू होती है इंसान और पक्षी की दोस्ती की पटकथा.
आज उसने सारस को पूरी तरह ठीक कर दिया सारा सपने पैरों पर चलने लगा और शायद यही बात सारस को बहुत अच्छी लगी और वह आरिफ का दोस्त बन गया लेकिन यह बात सरकार को कहां गुजारा थी। सारस एक उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी भी है।
सारस का उसके साथ भावनात्मक लगाव भी बढ़ गया। अब इसे कुदरती रिश्ता कहें या मानवता की पराकाष्ठा। न सारस आरिफ को छोड़ना चाहता है, और न आरिफ सारस को छोड़ना चाहते हैं। यानी दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रहना चाहते।
जय और वीरू जैसी हो गई है दोनों की दोस्ती
आरिफ के मित्रों व परिवार के लोगों का कहना है कि फिल्म शोले के जय और वीरू जैसी सदाबहार दोस्ती दोनों में हो गई है। आरिफ के साथी सर्वेश बताते हैं कि साल भर पहले खेत में सारस मिलने व उसके घर पर रहने की बात को पहले सभी ने हल्के में लिया पर अब वही सारस सब का प्रिय हो गया है।
अब तो घर में सभी को हो गया है सारस से प्यार
आरिफ की सेवा ने सारस पक्षी का ऐसा दिल मोहा की वह उनके घर पर ही रहने लगा। आरिफ अपने चार साल के बेटे अर्श व छह साल की बेटी अरिबा की तरह अपने दोस्त का ख्याल रखते हैं तो उनकी पत्नी, मां व बहन घर में परिवार के दूसरे सदस्यों की तरह सारस के लिए भी भोजन और पकवाना बनाती हैं।
आरिफ के ही साथ ही करता है भोजन
आरिफ के आसपास ही यह पक्षी भी बना रहता है। आरिफ के पिता लाल बहादुर बताते हैं कि सारस आरिफ के साथ ही भोजन भी करता है। वह घर से बाहर कही जाते हैं तो सारस भी उनके साथ जाने की कोशिश में रहता है। ऐसे में कई बार उन्हें उससे छिपकर जाना पड़ता है।
आरिफ के सारस की यह है प्रतिदिन की डाइट
आरिफ कहते हैं “अपने मित्र सारस को रोजाना सुबह दो अंडे खिलाता हूं। इसके साथ ही वह दिन में रोटी, चावल और सब्जी खाता है। सारस आरिफ पर अपना पूरा अधिकार मानता है, उनके अलावा किसी की मजाल नहीं, जो इसे हाथ भी लगा ले।”
टूट गई दोस्ती।
सारस और आरिफ की दोस्ती टूट गई…1 साल पहले जो रिश्ता बिना किसी शर्तों के साथ शुरू हुआ था, आज वो खत्म हो गया। आरिफ का सारस उससे दूर चला गया। सारस को सही वातारण न मिलने की बात कहते हुए वन विभाग की टीम ने उसको रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में शिफ्ट कर दिया है। अपने दोस्त सारस से अलग होने के बाद से आरिफ बहुत दुखी है।
टीम के आने के बाद आरिफ सारस को पकड़े रहा
बता दें, सारस को वन विभाग की टीम मंगलवार को आरिफ से ले गई थी। इससे पहले सारस को लेने के लिए लखनऊ से वन विभाग की टीम ने आरिफ को नोटिस भी दिया था। लेकिन आरिफ इस बात के लिए राजी नहीं था।
वहीं जब टीम सारस को लेने आरिफ के गांव अमेठी के मंडका गांव पहुंची तो आरिफ ने सारस को कसके पकड़ लिया। वो किसी भी हाल में अपने दोस्त को खुद से दूर करने के लिए राजी नहीं था।
सारस को ले जाने पर अखिलेश यादव ने भी किया ट्वीट
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी जब सारस को ले जाने की खबर सुनी तो उन्होंने सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करने वाले से दूर ले गई है। अब देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलाने वालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।
अमेठी से लाए गए सारस पक्षी के गायब होने पर सियासी घमासान शुरू हो गया था. रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार से पक्षी के गायब होने की सूचना जैसे ही मिली तो राजनीति में भी चर्चा होने लगी. जहां उसे गायब होने की सूचना मिलते ही सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बीजेपी को घेरने का प्रयास किया. यह मामला काफी गर्माने पर पक्षी विहार के अधिकारियों ने खंडन करते हुए बताया कि सारस पक्षी विचरण करते हुए गांव के पास पहुंच गया था. इसकी सूचना पर पहुंची टीम ने उसे पुनः रेंज में लाकर छोड़ दिया. अभी भी वह रेंज में रहकर अपने साथियों के साथ विचरण कर रहा है. टीम उसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रही है.
वन विभाग के अधिकारियों को वापस किया सारस
वहीं सलोन थाने में तैनात होमगार्ड सतीश कुमार के मुताबिक बिसैया गांव पक्षी विहार के सीमा से जुड़ा हुआ है. गांव के बाहर सारस पक्षी के होने की परिजनों ने सूचना दी. मैं रास्ते से वापस आया और पक्षी को अपने घर पर रखा, उसे खिलाया पिलाया फिर वन विभाग के अधिकारियों को सूचना देकर उन्हें सुपुर्द कर दिया. सारस पक्षी के लाने, ले जाने और मिलने तक काफी सियासी गरमाहट पैदा हो चुकी थी. हालांकि क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव की मानें तो पक्षी विहार काफी दूरी तक है और इसमें पक्षी अपने मन से विचरण करते हैं.
अमेठी से लाया गया पक्षी चूंकि घर में रह रहा था, इसलिए वह गांव के किनारे पहुंच गया और एक परिवार के लोगों ने उसे पकड़कर हमारी टीम को सूचना दी. मौके पर पहुंची टीम ने सुरक्षित उसे लाकर पुनः रेंज में डाल दिया. जो अपने साथियों के साथ विचरण कर रहा है. कुल प्रभाग में 72 सारस पक्षी हैं. अभी भी उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
वन विभाग की टीम कर रही है मॉनिटरिंग
क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि सारस कल सुबह 9 बजे यहां से निकला. हमारी टीम मॉनीटरिंग पर लगी हुई थी, गांव वालों को हम लोगों ने जागरुक किया कि एक सारस नया आया है थोड़ा सा उसके पैरों में दिक्कत है कहीं देखा जाए तो तुरंत हमारी टीम को बताया जाए. फिर शाम के समय हम लोगों को खबर मिली कि सारस वहां देखा गया है, फिर उसे लाकर हम लोगों ने रात में अपने यहां रखा उसके बाद सुबह से वो यहीं विचरण कर रहा है. बाकी जो 5-6 सारस बैठे हैं उनके साथ ही है और हमारी टीम मॉनिटरिंग कर रही है.
सारस हर जगह आरिफ को ढूंढता रहा
आरिफ और सारस की दोस्ती कुछ ऐसी रही कि सारस जब वन विभाग से लापता हो गया तब वह हर जगह सिर्फ आरिफ को ढूंढ रहा था और आरोपी सारस को ढूंढ रहा था लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने आरिफ को 15 किलोमीटर सारस के आसपास भी जाने से मना कर दिया था तो आज तो बेसहारा बेबस होकर घर बैठ गया पर सारस फिर भी आरिफ को ढूंढता रहा किस्सा रस को सुरक्षित रखा जाए उसका ध्यान रखा जाए मेरा दोस्त बहुत प्यारा है।