केंद्रीकृत शासन की ओर आगे बढ़ते चीन के कदम

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दरअसल, चीन में (एनपीसी)नैशनल पीपुल्स कांग्रेस का समयकाल समाप्त हो चुका है. जिसके चलते एक नई सरकार का गठन हुआ है. जिसने इंटरनेशनल इकॉनामी और घरेलू वृद्धि में बढ़ोतरी के लिए कुछ आर्थिक बदलाव लाने की बात कही है.

आपको बतादें की शी चिनफिंग को तीसरी बार 5 साल के लिए राष्ट्रपति के रूप मे चुन लिया गया है.इस बार उन्होनें देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अहम नीतिगत बदलाव भी किए है.दोहरे वितरण की नीति के चलते उन्होनें ये प्रयास किया है की बढ़ोतरी के बाहरी कारकों की जगह स्थानीय कारकों में रूपांतर किया जाए.

देश को समृद्ध और सफल बनाने के लिए शी चिनफिंग ने सरकारी स्वामित्व वाले उपक्रमों के साथ निजी क्षेत्रो में वृद्धि को बढ़ाने के लिए भी कुछ बदलाव किए है. नियामकीय की व्यवस्था को मजबुत किया जा रहा है वहीं पुंजी की अधिकता को सीमित किया गया है.चीन की सफल टेक कंपनियों पर इसका साफ असर दिख रहा है.

चीन के संपत्ति क्षेत्र में आई गिरावट जहां बीते सालों में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई थी.कोरोना को खत्म करने के लिए अपनाई गई नीती के चलते इन परेशानियों में इजाफा देखा गया है. इस नीती के चलते देश में लॉकडाउन लग गया था और आपूर्ति श्रृंखला बधित हो चुकी थी.

2022 में चीनी अर्थव्यवस्था में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई थी.एनपीसी ने 2023 में 5 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐम तय किया है. अमेरिका के साथ चीन का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. ताइवान के मुद्दे के चलते दोनों देशों के रिश्तों में खटास देखी जा रही है

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