सोशल मीडिया पर बढ़ रहे बाल यौन शोषण और न्यूडिटी से जुड़े कंटेंट को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू ऐप ने कुछ फीचर्स लॉन्च किए हैं. कंपनी की ओर से एक्टिव कंटेंट मॉडरेशन फीचर्स को किसी भी तरह के न्यूडिटी और बाल यौन शोषण वाले कंटेंट को हटाने के लिए शुरू किया गया है। कू एप के ये नए फीचर्स, 5 सेकेंड से भी कम वक्त में किसी भी प्रकार की नग्नता या बाल यौन शोषण सामग्री का सक्रिय रूप से पता लगाने और ब्लॉक करने, गलत सूचनाओं को चिह्नित करने और प्लेटफॉर्म पर विषाक्त टिप्पणियों और अभद्र भाषा को छिपाने में सक्षम हैं।
सेफ्टी फीचर्स
नग्नता
कू ऐप द्वारा स्वयं निर्मित ‘नो न्यूडिटी एल्गोरिद्म’, यूजर्स द्वारा बाल यौन शोषण सामग्री या नग्नता या यौन सामग्री वाली तस्वीर या वीडियो का सक्रिय रूप से तुरंत पता लगाता है और इसे अपलोड करने की किसी भी कोशिश को रोकता है। ये पता लगाने और ब्लॉक करने में 5 सेकेंड से भी कम वक्त लगता है। ये एल्गोरिद्म यौन सामग्री पोस्ट करने वाले यूजर्स को (i) सामग्री पोस्ट करने; (ii) अन्य यूजर्स द्वारा खोजे जाने; (iii) ट्रेंडिंग पोस्ट में शामिल किए जाने, या (iv) किसी भी ढंग से अन्य यूजर्स के साथ जुड़ने में सक्षम होने, का तुरंत पता लगाता है और ब्लॉक करता है।
अभद्र टिप्पणियां और अभद्र भाषा
यह 10 सेकेंड से कम वक्त में विषाक्त टिप्पणियों और अभद्र भाषा का सक्रिय रूप से पता लगाता है और इन्हें छिपाता या हटा देता है, ताकि ये सार्वजनिक रूप से दिखने के लिए उपलब्ध न हों।
हिंसा
अत्यधिक रक्त या हिंसा वाली सामग्री को यूजर्स के लिए चेतावनी के साथ ओवरले किया जाता है।
प्रतिरूपण
फोटो या वीडियो या मशहूर हस्तियों की जानकारी का इस्तेमाल कर मिलती-जुलती या फर्जी प्रोफाइल बनाने वालों का पता लगाने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए कू द्वारा निर्मित ‘मिसरेप एलगोरिद्म’ लगातार प्लेटफॉर्म को स्कैन करता रहता है। इनका पता चलने पर, जानी-मानी शख्सियतों की तस्वीरों और वीडियो को तुरंत प्रोफाइल से हटा दिया जाता है और ऐसे खातों को भविष्य में खराब व्यवहार की निगरानी के लिए चिह्नित कर दिया जाता है।
गलत सूचना और दुष्प्रचार
कू एप का बनाया हुआ ‘मिसइन्फो एंड डिसइन्फो एल्गोरिद्म’ सक्रिय रूप से रीयल टाइम में, सभी वायरल और रिपोर्ट की गई नकली खबरों (फेक न्यूज) को सार्वजनिक और निजी स्रोतों के आधार पर स्कैन करता है, ताकि किसी पोस्ट पर दी गई गलत सूचना और दुष्प्रचार का पता लगाया जा सके और उसे लेबल किया जा सके, जिससे मंच पर वायरल गलत सूचना का प्रसार कम हो जाए।