RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार (29 मई) को कहा कि कुछ बैंकों ने अपनी स्ट्रेस्ड एसेट्स की वास्तविक स्थिति छुपाने की कोशिश की है। इसके साथ ही कुछ लेंडर्स में गवर्नेंस गैप भी देखा गया है।
रिजर्व बैंक की गाइलाइंस के बावजूद यह चिंता का विषय है कि RBI की गाइलाइंस के बाद भी कुछ बैंको के कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियां पाई गई हैं। कॉरपोरेट गवर्नेंस की इन खामियों से बैंकिंग सेक्टर में वोलैटिलिटी आ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों को चेताते हुए सावधान रहने के लिए कहा। हालांकि, उन्होंने इस दौरान किसी भी बैंक का नाम नहीं लिया।
अक्सर जोखिमों को अनदेखा कर दिया जाता है
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा,’ हमें यह ध्यान रखना होगा कि जब चीजें ठीक चल रही होती हैं तो अक्सर जोखिमों को अनदेखा कर दिया जाता है। इसलिए बैंकों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और उनके सीनियर मैनेजमेंट को बाहरी जोखिमों और अंदरूनी कमियों पर निगरानी बनाए रखना चाहिए।’
हमारा बैंकिग सेक्टर मजबूत और स्थिर
शक्तिकांत दास ने कहा, ‘भारतीय बैंकिंग सेक्टर मजबूत और स्थिर खड़ा है। आज हमारा बैंकिंग सेक्टर 16.1% कैपिटल-टू-रिस्क वेटेड एसेट्स रेशियो (CRAR), 4.41% नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA), 1.16% नेट NPA और 73.20% प्रोविजन कवरेज रेश्यो के साथ मजबूत और स्थिर है।’
बैंकों में प्रशासन को लेकर दिशा-निर्देश किए गए जारी
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि जब चीजें ठीक चल रही होती हैं तो जोखिमों को अक्सर अनदेखा या भुला दिया जाता है। इसलिए, बैंकों के निदेशक मंडल और उनके वरिष्ठ प्रबंधन को बाहरी जोखिमों और आंतरिक कमजोरियों पर निरंतर निगरानी रखनी चाहिए। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में पूरे वित्तीय क्षेत्र के विनियमन और पर्यवेक्षण को काफी मजबूत किया है। आरबीआइ ने बैंकों में प्रशासन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।