किराए पर घर देने वाले टैक्सपेयर्स को बजट के इस नियम से लग सकता है झटका, जानिए क्या है नियम

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अब तक टैक्स देने वाले लोग किराए के मकान से होने वाली कमाई को अपने पैसे या प्रोफेशन से मिलने वाली आय में जोड़कर कर में निजात पा लेते थे लेकिन वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए नए बजट में बनाए गए हैं कुछ सत्य कानून

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किराए से मिलने वाली राशि को अब नहीं कर पाएंगे बिजनेस या पेशी की इनकम में शामिल

भारत में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार बनाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार बनी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कल मंगलवार को सदन में बजट पेश किया गया था. 2024 के इस बजट में हर तबके के व्यक्ति के लिए ऐलान किए गए हैं. यहां तक की किराए पर घर देने वाले लोगों के लिए भी इस बजट में नियम बनाया गया है जिस पर मकान मालिकों को खास ध्यान देना पड़ेगा. दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि अब से घर या फ्लैट के किराए से मिलने वाला वेतन को अब हाउसिंग प्रॉपर्टी से होने वाली आय में कर को दाखिल करते समय निर्मित किया जाएगा. घर के किराए से मिलने वाली आय को अब बिजनेस इनकम नहीं माना जाएगा.

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गृह संपत्ति से इनकम के अंतर्गत आएगी किराए से मिलने वाली राशि

इनकम टैक्स के एक्ट में एक अहम बदलाव का जिक्र बजट के दौरान भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किया गया है. निर्मला सीतारमण ने बजट सुनने के दौरान बताया कि अब से घर या फ्लैट को किराए पर देकर मिलने वाली राशि को किसी भी पेशे या बिजनेस के अंतर्गत नहीं जोड़ा जाएगा किराए की राशि अब से ‘गृह संपत्ति से इनकम’ के अंतर्गत आएगी.

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इस तरह करते हैं लोग टैक्स की चोरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टेक्स देने वाले लोग कम किराया दिखाने के चक्कर में गलत तरीके से अपने काम से मिले फायदे के तौर पर मकान के किराए से मिली राशि को दर्शाते हैं. जिसके कारण कर की देनदारी कम हो रही है. इसके साथ-साथ इस कानून में कुछ प्रॉपर्टी मालिकों को किराए से मिले धन को अपने व्यापार की राशि में भी दिखाने की छूट मिली है जिससे उस प्रॉपर्टी के रखरखाव और मरम्मत पर खर्च की गई राशि की कटौती का दावा आसानी से किया जा सकता है. इस तरीके को अपनाकर टेक्स्ट देने वाले लोग अपने कर को कम कर लेते हैं जिससे उन्हें टैक्स कम भरना पड़ता है

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धारा 28 में रखा निर्मला सीतारमण ने संशोधन का प्रस्ताव

धारा 28 में बदलाव करने का प्रस्ताव भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया है ताकि स्थिति को सही किया जा सके. यह संशोधन होने के बाद से टेक्स्ट देने वाले लोग घर को किराए पर देने से मिलने वाली राशि को बिजनेस आए के रूप में नहीं दिखा पाएंगे. उम्मीद है कि इस नियम के जरिए इस तरह के टैक्स देने वाले लोगों की देनदारी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अप्रैल 2025 से इस संशोधन के प्रभावी होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने गलत तरीके से कम टैक्स भरने वाले लोगों को इस नियम के जरिए रोके जा सकने की बात भी कही है.

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