इंदौर कलेक्टोरेट में अधिकारियों की नाक के नीचे एक करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हो गया। मिली खास जानकारी के अनुसार कलेक्ट्रेट की लेखा शाखा के अकाउंटेंट मिलाप चौहान ने एक करोड़ से ज्यादा की राशि अपनी पत्नी और एक प्राइवेट कंपनी एक्स्ट्रीम सॉल्यूशन के खाते में ट्रांसफर कर दी। ये मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने आरोपी बाबू को सस्पेंड कर दिया है।
इंदौर कलेक्टर आफिस के लेखा शाखा के अकाउंटेंट द्वारा एक करोड़ का घोटाला सामने आया है। मिलाप चौधरी ने तीन सालों में एक करोड़ रुपये पत्नी और उसकी निजी कंपनी के खाते में जमा कर दिए। जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर इलैय्या राजा टी ने बाबू को निलंबित कर दिया। साथ ही जांच के आदेश दिए हैं।
एक करोड़ से ज्यादा का गबन
प्रारंभिक तौर पर यह एक करोड़ के गबन का मामला माना जा रहा है। बताया जा रहा कि मिलाप चौहान सोमवार ( 20 मार्च) को कलेक्टोरेट भी नहीं पहुंचा। मामले की जानकारी कलेक्टर इलैयाराजा टी. को दी गई। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी अकाउंटेंट की तलाश की जा रही है। वहीं मामले में अभी तक प्रशासन ने पुलिस को शिकायत कर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। फिलहाल आरोपी बाबू को सस्पेंड कर दिया गया है।
तीन सालों से चल रहा था घोटाला
इंदौर कलेक्टर इल्लैया राजा टी ने बताया कि बाबू ने पिछले तीन सालों में एक करोड़ रुपये की राशि पत्नी के खाते में डलवा दिए। कोरोना महामारी समय से ही यह गड़बड़ी चल रही थी, लेकिन किसी के पकड़ में नहीं आई। हाल ही में निरीक्षण के दौरान शक होने पर जब मामले पड़ताल की तो यह गडबड़ी पकड़ में आई। आरंभिक जांच में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की गडवड़ी सामने आई है। आशंका है कि यह रकम बढ़ भी सकती है। हमने इस बारे में एक जांच समिति गठित की है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी करेंगे।