नई दिल्ली: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय, जिनके पश्चिम बंगाल में शिक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर फैसलों ने राजनीतिक बहस छेड़ दी थी, उन्हीने ही मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद कहा है कि किस राजनीतिक दल में शामिल होंगे, इस पर वह निर्णय लेंगे.
उनकी टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि उन्हें भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल के तमलुक संसदीय क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जा सकता है, जिस सीट का प्रतिनिधित्व कभी सुवेंदु अधिकारी करते थे और अब उनके भाई दिब्येंदु अधिकारी करते हैं. जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि वह लोगों की सेवा करना चाहते हैं क्योंकि यह मेरी अंतरात्मा की आवाज है.
मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. यह मेरी अंतरात्मा की आवाज है. अब मुझे बड़े लोगों और बड़े क्षेत्र में जाना चाहिए. अदालत में, एक न्यायाधीश उन मामलों से निपटता है जो उसके सामने आते हैं यदि कोई व्यक्ति मामला दायर करता है, लेकिन हमारे देश में और हमारे राज्य पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में बहुत असहाय लोग हैं.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय का मानना था कि राजनीति में प्रवेश करने से उन लोगों को उनके लिए कार्य करने का मौका मिल सकता है जो उन असहाय लोगों के सम्मान में कदम उठाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वह पिछले दो वर्षों से शिक्षा से संबंधित मुद्दों से निपट रहे थे और एक बड़े भ्रष्टाचार की खोज और खुलासा किया गया था. इस सरकार के शिक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण लोग अब जेल में बंद हैं या मुकदमे में हैं. इसके बाद, मैं अब श्रम मामले उठा रहा हूं, नियोक्ताओं द्वारा भविष्य निधि ग्रेच्युटी के संबंध में भी बड़े घोटाले हुए हैं. मेरे पास है उन संबंध में कुछ आदेश भी पारित किए. लेकिन श्रम मामलों, श्रम कानून के इन मामलों को करने में मैं असफल रहा हूं, वह यह है कि मुझे लगा है कि इस कर्तव्य में मेरा काम, मेरा काम खत्म हो गया है.