ऑनलाइन गेमिंग ला रहे है भारत को डिजिटल इकोनॉमी बनाने के और करीब, जानिए डिटेल्स

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भारत देश बहुत तेजी से विकास और व्यापक परिवर्तन दौर में आगे बढ़ रहा है आपको बतादें की भारत देया में तकरीबन 1.4 बिलियन से भी ज्यादा लोग ऐसे है जिनकी आयु 40 साल से कम की है. देश तरक्की की और तेजी यसे करवट बदल रहा है.
ऐसे में सरकार ने भी तीन प्रमुख स्तंभों को तैयार किया है. जिससे देश को आगे ले जाया जा सके. ये तीन स्तंभ है डिजिटल टैक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी.

आपको बतादें की हमारें देया में ऑनलाइन गेमिंग का सेक्टर 28.30 प्रतिशत की सीएजीआर से तेजी से आगे की और बढ़ रहा है बताया जा रहा है की साल 2025 तक ये 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है. इसके साथ ही देश भर में 900 से ज्यादा गेकिंग कंपनी है और 20 करोड़ से ज्यादा गेमर्स है. जो की चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. आपको बतादें की इसका ज्यादातर जिम्मा स्मार्टफोन और सस्ती डेटा दरों को दिया जा रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के लिए कुछ नियम बनाए गए है जिनका होना इस क्षेत्र के लिउ काफी लाभकारी साबित हो सकता है. इस नियमों के लागू होने से ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र को सुव्यवस्थित करते हुए काफी आगे तक ले जाया जा सकता है.

आपको बतादें की इस क्षेत्र में नियमों और इसे मिली मान्यता से एफडीआई के द्वार खुलने की उम्म्ीए है जिसमें साल 2025 तक ये 50,000 करोड़ तक पहुंच सकती है.

बताया जा रहा है की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नियमों के मुताबिक इसमें स्व.नियामक निकायों की स्थापना को शामिल किया गया है. जिसमें रिजर्व बैंक के अनुसार केवाईसी जरूरी है इसके साथ ही शिकायत निवारण तंत्र भी इसमें शामिल है. इसके अलावा स्व.नियामक निकाय को कुछ ऐसी जिम्मेदारियां सौपी गई है जिससे वे वित्तीय नुकसान और लत जैसे जोखिमों से दूर रहने में मदद मिल सके.

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