भारतीय परंपरा में गहनों का विशेष महत्व है खासकर सोने से बने गहनों का। शादी हो या फिर कोई उत्सव इनमे सोने की काफी मांग देखी जा सकती है। हालाकि आज भी बहुत से लोग है जिनके मन में सवाल रहता है कि गोल्ड की पहचान कैसे होती है क्योंकि आये दिन शुद्ध सोने में मिलावट की शिकायत आती रहती हैं।
भारतीय परंपरा में गहनों का विशेष महत्व है खासकर सोने से बने गहनों का। शादी हो या फिर कोई उत्सव इनमे सोने की काफी मांग देखी जा सकती है। हालाकि आज भी बहुत से लोग है जिनके मन में सवाल रहता है कि गोल्ड की पहचान कैसे होती है क्योंकि आये दिन शुद्ध सोने में मिलावट की शिकायत आती रहती हैं।
इन तरीकों से जान सकते है सोना असली है या नकली।
एसिड टेस्ट
इसके लिए आपको सोने में एक पिन से हल्का सा खरोच लगाना है। इसके बाद उस खरोच वाली जगह में नाइट्रिक एसिड की एक दो बूँद डालना है। यदि सोने का रंग तुरंत हरा हो जाता है तो इसका मतलब सोने में मिलावट की गयी है। वहीं अगर सोने में नाइट्रिक एसिड की बूँद का कोई असर नहीं पड़ता तो आपको सोना असली है।
पानी से पहचान करे
शुद्ध सोने की पहचान का यह सबसे आसान तरीका है। किसी गहरे वर्तन में दो गिलास पानी डाले इसके बाद अपनी सोने की ज्वैलरी को उसमे डाल दे। यदि थोड़ी देर बाद सोने की ज्वैलरी तैरती हुई दिखती है तो उसमे कही न कहीं मिलावट की गयी है। असली सोना पानी में कभी नहीं तैरता है इसके अलावा सोने में कभी जंग भी नहीं लगती है।
ज्वैलरी के रंग पर ध्यान दे
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 22 कैरेट का सोना ब्राइट येलो होता है। 18 कैरेट का स्ट्रोंग येलो और 18 कैरेट से कम का Gold लाइट येलो होता है। ऐसे में आपको इसके कलर पर भी अवश्य ध्यान देना चाहिए।
सिरामिक थाली की मदद ले
बता दे कि सिरामिक थाली से भी शुद्ध सोने की पहचान की जा सकती है। इसके लिए आपको बाजार से सिरामिक थाली लेकर आना है और उसमे अपनी सोने की ज्वैलरी को घिस कर देखना है। यदि उस थाली पर काला निशान पड़े तो सोना नकली है। यदि थाली पर हल्का सुनहरा रंग का निशान पड़े तो सोना असली है।
सिरके के जरिए
अगर आपके पास सोना है, तो आप सिरके की मदद से भी असली और नकली में पहचान कर सकते हैं। इसके लिए आपको सोने के ऊपर सिरके की कुछ बूंदें डालनी है। फिर ध्यान दें कि अगर सिरके का रंग बदलता है, तो इसका मतलब कि ये सोना नकली है।